इंसानियत जो हर किसी में मर चुकी है, शायद इन दो लड़कियों में अब भी ज़िंदा है
इंसानियत, ये वो शब्द है जिसे लोग आज कल केवल बोलने के काम लेते है करने के नहीं। क्योंकि आज के युग की बात की जाए तो आज के समय में इंसानियत कहीं नहीं पाई जाती। बहुत ही कम लोग है जिनमे आज भी इंसानियत जगी हुई है सोई नहीं है। कभी कभी लोग किसी को मरते हुए देखते है तो सिर्फ विडियो रिकॉर्डिंग करने लगते है उसकी मदद नहीं, लोग सिर्फ आज कल बात का बतंगड़ बनाते है उसे सुलझाने का काम नहीं करते। लेकिन आज हम जिन दो लड़कियों के बारे में आपको बताने जा रहें है उनमे इंसानियत आज भी ज़िंदा है। जी हम बात कर रहें है मैत्री मंजुनाथ और उनकी दोस्त सुषमा सत्यनारायण की जिन्होंने ऐसा काम किया जिससे किसी को भी हैरानी हो सकती है। दरअसल में हुआ यूँ की एक दिन जब मैत्री अपने घर लौटीं तो उनके अपार्टमेंट के लोगो ने उन्हें बताया की अपार्टमेंट के बाहर फुटपाथ पर कोई नवजात को छोड़ गया है, ये सुनने के तुरंत बाद ही मैत्री फुटपाथ पर गई और बच्ची को देखने लगी उसे देखने के बाद वो काफी हैरान हो गई उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो करें तो क्या करें, उन्होंने जैसे तैसे अपनी दोस्त सुषमा को कॉल किया और उसे बुलाया।
अपनी जान की परवाह किए बिना एक फोटोग्राफर ने क्लिक की नार्थ कोरिया की तस्वीरे
लेकिन इसमें लोगो का रिएक्शन कुछ भी नही था उन्होंने इस बात पर कोई एक्शन लेना जरुरी नहीं समझा। लेकिन इन दोनों ने इसे अपनी जिम्मेदारी समझ कर इसका बेड़ा उठाया। लोग बस उस बच्ची की तस्वीरें क्लिक कर रहें थे और कुछ नहीं, कोई भी इस लफड़े में नहीं पड़ना चाहता था। ऐसे में वे दोनों दोस्त मिलकर उसे अस्पताल ले गई और डॉक्टर्स ने उस बच्ची की जांच की, और उसकी जान बचा ली।
दोनों लड़कियों ने पुलिस को कम्प्लेन की और पुलिस ने इस बच्ची की माँ को भी ढूंढ निकाला। आपको बता दें इस बच्ची की माँ विधवा है और वो इस बच्ची का खर्च उठाने में असमर्थ है इसी वजह से इसे छोड़ गई थी। वैसे कुछ भी हो इन दोनों लड़कियों ने जो काम किया वो वाकई में काफी काबिलियत तारीफ़ है जिसे करने से लोग काफी कतरारते है वो काम इन दोनों ने बड़ी ही समझदारी से कर दिखाया।
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