इंदौरी तड़का : भिया इस बजट ने तो अपने अरमानो की बारा बजा दी रे
इन्दौरी तड़का -हां तो भिया राम !! आज का पूरा दिन तो वोई बजट की मगजमारी में चला गया। साल सूबे से परेशान करके रख दिया इस बजट ने। मैंने तो ना जाने क्या क्या उम्मीदे लगाई थी बजट से पर ना जाने क्या क्या हो गया ? साला सब उलटा हो गया। इनको वित्त मंत्री को समझाओ यार की कबि कुछ अपन यूथ पार्टी के लिए बी सोच लिया करे। कुछ हमपे बी रहम कर ले तो इनका क्या जाएगा। थोड़े फूल सस्ते करवा देते तो गर्लफ्रेंड को बूके दे देता, खुश हो जाती और थोड़ी पप्पी बी दे देती। भिया यार इस बजट में कुछ ख़ास मेरे लिए तो निकला ही नी, मेरी तो लग गई। मैंने सोचा था की कुछ लड़कियों के भाव गिरवा देंगे ये लेकिन नी इनसे भी नी हो पाएगा। इत्ता भेतरीन बजट तैयार करके बी पीछे ही रे गए ये तो। खैर चलो छोडो ये क्या सोचेंगे अपने बारे में अपन को अपना बेड़ा खुद ही पार करना पड़ेगा।
अच्छा भिया ये छोरियां तो बेचारी मर ही गई होयेंगी क्योंकि ये सोच तो री होंगी की लिपस्टिक के भाव कम हो जाते तो थोड़ा थोपड़े पर और जादा पोत लेती। इनका राज चलता ना चच्चा तो ये तो सबसे पेले मेकअप का सामान का दाम कम करवा देती। ताऊ ये छोरियां अपने थोपड़े पे इतना मेकअप थोपती है की कोई पागल भी इनके पीछे और पागल हो जाए और अगर ये बिन मेकअप निकल जाए तो कोई भिखारी बी इनकी तरफ नी देखे। भिया जो बी हो बजट तो बजट है भले ही अपन के लिए कुछ नी किया लेकिन देश का भला तो कर ही दिया। तो भिया तुमको कैसा लगा आज का बजट जरा कमेंट्स में चिपका डालो तो।
इंदौरी तड़का : चच्चा रंजीत भिया अपन को पागल बना रिए है मेरेको तो लगता है प्रभु देवा के भई है वो
इंदौरी तड़का : यार भिया यार तुम अलग नी मान रिए हो, बोला ना तुमसे नी हो पाएगा
इंदौरी तड़का : भिया ये इंदौरी बच्चो की ज़िन्दगी एग्जाम हॉल में मुजरा करती है मुजरा
इन्दौरी तड़का : सुबे से लेके शाम तक इंदौर में लोगों की ज़िन्दगी झंड रेती है