इन्दौरी तड़का : ताऊ ये इंदौर में ड्राइवर ना पायलेट होवे है पायलेट
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इन्दौरी तड़का : हाँ भिया और सब चकाचक। हाँ तो भिया आज हम आपको बताने जा रिए है ये अपने इंदौर के वैन वालो की कहानी। भिया इनके हाथ में वैन दे दो और उसके बाद देखो आप ऐसे भगाएंगे ऐसे भगाएंगे की पूछो ही मत। इनको तो अवार्ड मिलना चिए। इंदौर शहर के पायलेट है भिया ये। तुम एक बार इनकी वैन में बैठ जाओ उसके बाद तुम ऐसे उड़ने लगोगे जैसे परी बन गए हो। हंसो मत भिया सच के रिये है हम। ये इंदौर शहर है ही ऐसा। याहा पर वैन निकलती है ना तो शुरू होता है सारा लफड़ा। देखो भिया शुरुआत होती है इंदौर के खजराने से, वहां से निकलते हुए वैन वाले ऐसे उड़ाते है जैसे इनके पिताजी की ही सड़क हो इनका बोलना सुनो आप तो "अबे क्या है बे घुसेड़ेगा क्या सीधे जा ना" नी नी करके थोड़ी अग्गे बढाएंगे और कोई अचानक इनके सामने पड़ जाए फिर तो ये उसको ऐसे झाड़ेंगे "अबे क्या है बे, तेरेको कुछ सम्पट पड़ती है की नी, तेरेको मेरी ही वैन से मरना है क्या? रुक तू क्या तेको तो मैं बताता हूँ, रुक बे।
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उसके बाद अगर इन वैन वालो को कई पे भीड़ भाड़ दिख जाए तो इनका चिल्लाना शुरू हो जाएगा अबे हट रे, तू साइड देगा की लगाऊ, अबे बारीक हटना, तेरी तो बारा की ढेर। उसके बाद जब भीड़ भाड़ से निकलेंगे तो अपनी सवारी के लिए मगजमारी करेंगे भई सूबे से एक बी नी मिली ये वाली मेरेको ले जान दे। अबे मैं बस एक को और बैठा लू फिर जा रिया हूँ। मतलब सवारी के लिए तो ये ऐसे लड़ते है जैसे कोई इनकी लुगाई इनसे छीन रिया हो। इनको दूर से ही कोई आता हुआ दिख जाए उसके बाद देखो शुरू हो जाएंगे ये मेडम कहाँ रीगल, राजवाड़ा, पाटनीपुरा, पलासिया अरे मेडम बोलोगी कहाँ जाना है चलो जल्दी, मेडम बोलोगी कहाँ जाना है, अरे मेडम। मतलब अगर किसी को नी जाना हो तो बी अगर इनका बस चले तो भर भर के ले जाएं। वैन में ऐसे ठूस ठूस के भरेंगे जैसे कोई सब्जी तरकारी हो। क्या बताऊ भिया इन इंदौरी वैन वालो को तो कोई पायलेट बी नी पीछे कर सकता।
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