इन्दौरी तड़का : माँ से डर नी लगता भिया माँ की चप्पल से लगता है
Indori Tadka : हाँ बड़े यहां पे लोगो को माँ से नी बल्कि उनकी चप्पल से ज्यादा डर लगता है। सच में यहाँ पे इंटरनेट से बी जादा तेज अगर कोई भागती है तो वो यहीं है माँ की चप्पल। भिया ये एक बार पड़ जाए तो सारे रोग उतर जाते है सारे भुत भग जाते है। एक चप्पल खाने के बाद हर इंसान यहाँ पे सुधर जाता है। वरना तो बड़े यहाँ पे सब एबले है कोई किसी की नी सुनता लेकिन एक बार माँ की चप्पल पड़ जाती है तो सब सम्पट पड़ जाता है की क्या करना है और क्या नी। बड़े यहाँ के लोगो की ज़िंदगी बस माँ की चप्पल खाने में ही निकली जा री है।
माँ यहाँ पे सबसे बड़ी डॉन है क्योंकि इनके सामने अच्छे से अच्छे इंसान के मुँह बंद हो जाते है यहाँ तक की पप्पा के बी। फिर अपन कौन से खेत की मूली है जो अपने नी बंद होंगे। और बड़े अगर नी बंद हुए तो माँ की चिप्पल है ना बंद करवाने के लिए। बात तो यई है सौ की सीधी, की माँ तो माँ होती है और माँ की चप्पल उनका सबसे बड़ा हथियार होता है जिसकी वजह से वो सारे घर पे राज करती है राज। बड़े अगर तुम उनकी नी सुनोगे तो उनकी चप्पल की तो सुन ही लोगे वो बी इत्ती स्पीड में आती है की क्या कहूं। इंटरनेट बी इत्ती स्पीड नई पकड़ता होगा जीतती माँ की चप्पल पकड़ लेती है। बड़े अगर इससे बचना है तो ऐसे काण्ड ही मत करो पड़ने वाले।
इन्दौरी तड़का : बड़े ये प्यार का तो लफड़ा ही बेकार है
इन्दौरी तड़का : बावा अपना इंदौर सफाई में ही नी सब में नंबर वन है
इंदौरी तड़का : बड़े इत्ती सफाई कहाँ से हो गई इंदौर में, सम्पट नई पड़ रिया है