साल में केवल नागपंचमी को खुलता है यह मंदिर, जानिए रहस्य
दुनिया भर में कई मंदिर प्रसिद्ध हैं और सभी के अपने अपने लॉजिक है. ऐसे में आज हम बताने जा रहे हैं प्रसिद्द महाकालेश्वर मंदिर के बारे में जहाँ के शिखर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार रात 12 बजे खुलते हैं. जी हाँ, इसके दर्शन के लिए लोग दूर दूर से आया करते हैं और नाग मंदिर के दर्शन करते हैं. वहीं ये मंदिर अगले दिन रात 12 बजे तक 24 घण्टे के लिए सतत खुले रहते हैं और इस दौरान काफी भीड़ भी रहती है.
वहीं आपको बता दें कि आज सोमवार को नागपंचमी होने के चलते विशेष दिन माना जा रहा है और आज भी वहां खूब भीड़ है. महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के मंहत प्रकाश पुरी महाराज और उनके प्रतिनिधियों ने पट खुलने के बाद शेषनाग पर विराजित भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की पूजा की और करीब एक घंटे तक पूजा के बाद श्रृद्धालुओं के लिए मंदिर में दर्शन शुरू कर चुके हैं. वहीं नागपंचमी के दिन महाकाल मंदिर के शिखर के मध्य में स्थित नागचंद्रेश्वर के दर्शनों को करने के लिए श्रृद्धालुओं को सालभर इंतजार करना पडता है और उसके बाद यह केवल 24 घंटों के लिए खुलता है.
कहते हैं इसका कारण यह है कि यह मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खुलता है और इस दिन लाखों लोग भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर अपने को धन्य समझते हैं. वहीं भगवान नागचंद्रेश्वर के जन्मदिन के रुप में मनाया जाने वाला यह पर्व प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं द्वारा इसी आनंद-उमंग और पूर्ण आस्था के साथ मनाया जाता है. बताया जाता है 11वीं शताब्दी के परमार कालीन इस मंदिर के शिखर के मध्य बने नागचंद्रेश्वर के मंदिर में शेष नाग पर विराजित भगवान शिव तथा पार्वती की यह दुर्लभ प्रतिमा है.
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