अग्नि को नहीं बल्कि पानी को साक्षी मानकर करवा दी जाती है यहाँ पर भाई बहन की शादी
शादी को एक बेहद ही पवित्र बन्धन माना जाता है। शादी दो दिलो का, दो परिवारों का मेल होती है। अग्नि को साक्षी मानकर दो अनजान लोग एक पवित्र बंधन में बांध जाते है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहें है जहाँ पर पानी को साक्षी मानकर भाई बहन की शादी करवा दी जाती है। जी हम बात कर रहें है आदिवासी समाज की जहाँ पर एक अनोखी परम्परा के अनुसार भाई बहन की शादी करवा दी जाती है। दरअसल में छत्तीसगढ़ में बस्तर की कांगेरघाटी में रहने वाले धुरवा समाज में यह परम्परा सदियों से चली आ रहीं है।
इस परम्परा के अनुसार यहाँ पर एक माँ के बेटे और बेटी का विवाह पानी को साक्षी मानकर करवा दिया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं अगर यहाँ पर कोई शादी के लिए ना कह देता है तो उसे उसके लिए काफी महंगा जुर्माना भी भरना होता है। आपको बता दें की अगर लड़की का कोई भइआ नहीं होता है तो उसकी शादी ममेरे या फुफेरे भाई से करवा दी जाती है। अब जल्द ही इस परम्परा को खत्म करने के प्रयास किए जा रहें है।