जेल में ही जल्लाद बना युवक, टांगा अपने 17 'दोस्तों' को फांसी पर
आज के समय में जल्लादों की कमी है और लोग किसी को फांसी पर चढ़ाने से कतराने लगे हैं लेकिन आज हम जिनके बारे में आपको बताने जा रहे हैं उनके बारे में जानकार आपको हैरानी होगी. जी हाँ, आज हम आपको एक ऐसे ही जल्लाद के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने जेल में बंद अपने ही 17 'दोस्तों' को एक-एक कर फांसी पर लटकाया है. यह सुनकर आपको यकीन नहीं हुआ होगा लेकिन यह सच है. जी दरअसल यह पहला ऐसा जल्लाद है, जिसने ऐसा किया है.
इस जल्लाद का नाम बाबुल मियां बताया जा रहा है और यह बांग्लादेश का रहने वाला है. इन सभी के बीच सबसे हैरानी की बात तो ये है कि बाबुल मियां को एक कत्ल के जुर्म में 31 साल जेल की सजा मिली थी, लेकिन बाद में उन्होंने जेल अधिकारियों के कहने पर जल्लाद का पेशा चुन लिया. जी हाँ, सामने आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, बाबुल मियां का कहना हैं कि, ''उन्हें नहीं पता कि आखिर उन्हें जल्लाद बनने के लिए क्यों चुना गया, लेकिन जेल प्रमुख ने उनसे कहा था कि अगर वो जल्लाद बन जाएं तो उनके द्वारा दी गई हर फांसी पर उनकी सजा दो महीने कम कर जाएगी, जिसे उन्होंने मान लिया और बन गए जल्लाद. खास बात ये कि जेल में रहते उनके कई दोस्त बन गए थे, जो किसी न किसी जुर्म में सजा काट रहे थे. लेकिन जब एक-एक कर उन लोगों को अदालत द्वारा सजा-ए-मौत मिली तो उन्ही दोस्तों या साथियों को बाद में बाबुल मियां ने फांसी पर लटका दिया. ''
जी हाँ, वहीं 21 साल जेल में बिताने के बाद साल 2010 में बाबुल मियां को क्षमादान मिला और उन्हें रिहा कर दिया गया था. कहा जाता है साल 1989 में बाबुल मियां जब 17 साल के थे, तभी उन्हें जेल हुई थी लेकिन उनका कहना था कि 'उन्हें जिस जुर्म के लिए सजा मिली है, वो जुर्म उन्होंने किया ही नहीं था, बल्कि उनके बड़े भाई ने किया था. उनके बड़े भाई को भी 12 साल और एक अन्य भाई को 10 साल की सजा मिली थी.' बाबुल मियां के अनुसार, 'उन्हें जल्लाद बनने के लिए जेल की ओर से प्रशिक्षण दिया गया. उन्हें बताया गया कि फांसी का तख्ता कैसे तैयार करना है और फंदा कैसे बनाना है. इसके अलावा सबसे जरूरी बात उन्हें ये बताई गई थी कि फांसी पर लटकाने वाले की आंखों में कभी नहीं देखना है.'
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