इन्दौरी तड़का : बड़े इंदौरियों से कोई जीत ही नी सकता कबी बी
हाँ बड़े यई हो रा है आजकल अपने इंदौर वालों को कोई हरा ही नी सकता है ना तो दंगल में ना ही मंगल काम में, ना ही मस्ती करने में, ना ही लड़ने में, ना ही बक बक करने में, ना ही कोई काम में मतलब समझ लो की इंदौर वालो को कहीं पे बी हराना संभव ही नी है बावा। बड़े कसम से जीतते ये इन्दोरी लड़ाकू होते है ना उत्ते तो कोई बी नी होते है। मतलब इंदौर वालों को लड़ने के साथ खाने में और सोने में बी कोई हरा नी सकता। अगर कई खाने या सोने का कॉम्पिटिशन हो ना तो ये सारे के सारे ही जीत जात के आ जाए।
मतलब ये समझो की किसी और को तो ये मौका देंगे ही नी। भिया ये इन्दोरी तड़का जित्ते इंदौर वाले पढ़ते होएंगे ना उनको पता होगा की हम किसी से कम ना है फिर कोई बी हो भले ही वो लौकी और गिलकी की सब्जी ही क्यों ना हो और माँ की महंगी वाली चप्पल ही क्यों ना हो हम सबमे सारा कुछ झेलने का दम है। बावा इंदौर वाले पापा की भेंकर वाली मार से लेके दोस्त की अंड संड वाली गालियां तक सब खा लेते है और उफ्फ बी नी करते है।
इन्दौरी तड़का : भिया मन नी लग रिया, तो चलो ये जगो
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इन्दौरी तड़का : इन इंदौरियों को खाने में कोई हरा नी सकता बॉस
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