न तंत्र-मंत्र और न चमत्कार, जानिए कैसे जादूगर करते है लोगों को ग़ायब
गोड्डा मेले में इस बार आए जादू का खेल पूरे जिले में सुर्खियों में भी बन चुके है. जो भी इस मेले से घूमता हुआ दिखाई दे रहा है वह एक बार इस जादू के खेल की तारीफ़ अवश्य करता है. लोग बताते हैं कि जादूगर देखते ही देखते लड़की को दो टुकड़ों में बांट देता है. देखते ही देखते लड़की को गायब भी कर देता है. वहीं मेले में जादू दिखाने वाले मोहम्मद तारीफ़ जादूगर ने कहा है कि यह कोई तंत्र मंत्र नहीं है बल्कि जादूगर का दावा है कि ये एक सम्मोहन कला भी है. इससे लोग सम्मोहित हो जाते हैं और उन्हें जो वह दिखाते हैं सिर्फ वही दिखाई देता है.
इस खेल में लड़की को काटा नहीं जाता है और ना ही लड़की को गायब भी हो चुका है. वह हमेशा ही घूम आते हैं और इससे खेल देखने बैठे सभी लोग सम्मोहित हो जाते हैं और इसके उपरांत लोगों को वह लड़की कटी हुई या गायब भी हो चुकी है. वहीं मेले में आए इस जादू के खेल में पांच प्रकार का जादू भी दिखा दिया है.
जिसमें पहले खेल में एक ढाई किलो के लोहे के गेंद को रुमाल में नचाया जा रहा है. जिसके उपरांत दूसरे खेल में कबूतर के एक फोटो फ्रेम से कबूतर को बाहर निकाल दिया जाता है. तीसरे खेल में प्याली में चावल के लिए ढेर को रखकर उसे देखते ही देखते पानी बना डाला है. चौथे खेल में लड़की को एक तलवार से काट दिया जाता है और अलग कर दिया जाता है जिसके उपरांत आंखों के सामने ही उस लड़की को वापस भी जोड़ दिया गया है और लड़की जीवित ही रहती है , कोई अंतिम खेल में लड़की को मंच के आगे रखा जाता है और आंखों के सामने ही उसे गायब भी किया जा चुका है.
कोई तंत्र-मंत्र नहीं: यह सारा खेल एक अजूबा की तरह ही दिखाई देता है. लेकिन जादूगर का इस बारें में बोलना है कि अब कोई भी तंत्र मंत्र या जादू विद्या नहीं है. बल्कि यह एक खेल है जो लोगों को आंखों से ओझल भी कर डाला है. वहीं मेले में इस खेल का एक टिकट 30 रुपये का होता है. दिन में तकरीबन 10 शो हो जाते हैं. एक शो में करीब एक सौ से डेढ़ सौ लोगों के बैठने की जगह होती है.