आज है नवरात्र का चौथा दिन, जानिए कथा और पूजा विधि
नवरात्रि का पर्व इन दिनों बहुत आकर्षक तरीके से मनाया जा रहा है। यह पर्व इस बार घरों में सेलिब्रेट हो रहा है और आज यानी 20 अक्टूबर को नवरात्रि का चौथा दिन है। कहा जाता है नवरात्रि का चौथा दिन माता कुष्मांडा को समर्पित है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं माता कुष्मांडा की कथा।
माता कुष्मांडा की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार मां कुष्मांडा का अर्थ होता है कुम्हड़ा। मां दुर्गा असुरों के अत्याचार से संसार को मुक्त करने के लिए कुष्मांडा का अवतार लिया था। मान्यता है कि देवी कुष्मांडा ने पूरे ब्रह्माण्ड की रचना की थी। पूजा के दौरान कुम्हड़े की बलि देने की भी परंपरा है। इसके पीछे मान्यता है ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और पूजा सफल होती है।
माता कुष्मांडा की पूजा विधि
इसके लिए नवरात्रि के चौथे दिन सुबह या शाम के समय स्नान करने के बाद मां कुष्मांडा स्वरूप की विधिवत करने से विशेष फल मिलता है। अब ध्यान रहे कि पूजा में मां को लाल रंग के फूल, गुड़हल या गुलाब का फूल भी प्रयोग करें। अब आप इसके बाद सिंदूर, धूप, गंध, अक्षत् आदि अर्पित करें। अब इसके बाद सफेद कुम्हड़े की बलि माता को अर्पित करें। ध्यान रहे कुम्हड़ा भेंट करने के बाद मां को दही और हलवा का भोग लगाएं और प्रसाद में वितरित करें।
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