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इस जन्माष्टमी जानिए श्री कृष्ण से जुड़ी कुछ बातें

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कल यानी 15 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार है जिसे देश में काफी धूम धाम के साथ के मनाया जाता है। हर शहर में कृष्ण जन्मोस्तव का विशेष महत्व है, इसी महत्व के साथ इसे बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है हर साल। श्री कृष्ण की जन्म की कथा तो हर कोई जनता है, इनकी अठखेलियों से कोई भी वंचित नहीं है।

टीवी के प्रोग्राम में और कथाओं में हमने सुना है और देखा है और हम उन्ही को लेकर अपने कल्पनाएं भी कर लेते हैं जिससे हमे इसका आनंद और भी ज्यादा आता है। तो आज हम कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं श्री कृष्णा से जुडी कुछ बातें। तो सबसे पहले बात करते हैं श्रीकृष्ण के काले रंग की। 

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श्री कृष्ण का रंग

इनके इस रंग को श्याम रंग भी कहते हैं जिसका अर्थ होता है वो रंग जिसमे कुछ काला भी हो और कुछ नीला भी हो। आपने ये भी देखा ही होगा जब सूर्यास्त होता है तो आसमान का रंग श्याम रंग का हो जाता है जो बेहद ही खूबसूरत होता है। वहीँ बादलों का रंग भी श्याम रंग होता है।

श्री कृष्ण की गंध

ये भी कहते हैं कि कृष्ण के तन से मादक गंध आती रहती है जिससे सभी उसी दिशा में देखने लगते हैं जहाँ जहाँ इनकी ये गंध जाती हैं। ये भी कहा जाता है कि इसी तरह गंध द्रौपदी के तन से भी आती थी। अज्ञातवास के समय द्रौपदी को चंदन, उबटन और इत्रादि का कार्य किया जिसके चलते उनको सैरंध्री कहा जाने लगा था। श्रीकृष्‍ण के शरीर से निकलने वाली गंधी को लोग अष्टगंध भी कहते हैं जो गोपिकाचंदन और कुछ-कुछ रातरानी की हुआ करती है। 

श्री कृष्ण के शरीर के गुण

ऐसा भी सुना गया है कि उनका शरीर बहुत ही कोमल और नाज़ुक था बिलकुल एक लड़की की तरह लेकिन वहीँ युद्ध के समय वो कठोर भी हो जाता था। ये योग और कलारिपट्टू विद्या में पारंगत भी थे। यानी ये अपने शरीर को किसी भी रूप में ढाल लिया करते थे।

हमेशा जवान रहे श्रीकृष्ण

ये तो सभी जानते हैं कि श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था और उनका बचपन गोकुल, वृंदावन, नंदगाव, बरसाना में बीता है। एक दिन जब वो एक वृक्ष के नीचे लेते हुए थे तब एक बहेलिये ने उनको हिरण समझकर तीर मार दिया। जब उन्हें ये तीर लगा तभी उन्होंने अपने देह को त्यागने का निर्णय ले लिया। जब उन्होंने देह त्यागा तो उनके शरीर के ना तो बाल सफ़ेद थे ना ही उनके शरीर पर कोई झुर्रियां थी। वे 119 वर्ष की उम्र में भी युवा जैसे ही थे। 

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