यहाँ किसी के मरने पर काट दी जाती है महिलाओ की उँगलियाँ
सबसे पहले इस जनजाति के बारे में साल 1938 में अमेरिका के फिलैंथ्रोपिस्ट रिचर्ड आर्कबोल्ड ने बताया था. और इसके बाद तेह हैन नाम के एक मशहूर फोटोग्राफर ने इस जनजाति की महिलाओ के साथ चार दिन भी गुजरे थे. इस दौरान उन्होंने महिलाओ की कटी हुई ऊँगली की तस्वीरें भी ली थी. पहले तो इस जनजाति के कई लोग हुआ करते थे लेकिन अब दुनियाभर में इस समूह के सिर्फ 100 ही लोग बचे है.
यहाँ मंदिरो में चढ़ता है डोसा और गुरूद्वारे में बच्चो के एरोप्लेन
जीवन में सिर्फ एक बार नहाती है यहाँ की महिलाए, चौकाने वाला कारण