इन्दौरी तड़का : ठंड आने वाली है रे बावा
हाँ बावा अब तो ठंड आने वाली है अब तो मजे आएँगे। बड़े अपने इंदौर में तो अभी से ठंड शुरू हो गई है जिसको देखो अभी से ही स्वेटर पेन के घूमने लग गया है। बड़े कसम से इंदौरी तो ऐसे एबले है की क्या बोलो। अभी से कौन स्वेटर पेन के घूमता है यार जो ये इंदौरी पेन के घूमने लग जाते है। बड़े इंदौरियों के तो कसम से मजे ही आ जाते है, ये काण्ड ही ऐसे करते है कि क्या बोलो। बड़े इंदौर के लोग तो वैसे बी कोई की नी सुनते, ऊपर से सारे जवाब साला उल्टे ही देते है इस वजह से उनसे कोई सवाल बी नी कर सकता है।
जो सवाल करता है उसकी ऐसी की तैसी ही करके छोड़ते है ये इंदौर वाले। बड़े ठंड आते ही इंदौरी सड़क के ट्रैफिक में तो दिखते ही नी है सब के सब बस अपने घर में औंधे पड़े रेते है सबसे बड़ा फायदा यई होता है ठंड का की इंदौर का ट्रैफिक कम हो जाता है। ऐसे में दारु की दुकान तो पूरी खचाखच भरी ही रेती है क्योंकि अब ठंड में तो इंसान को गर्मी चिए ही रेती है तो वो वई ठेके पे जाता है पीने और फिर घर आके घरवाली की मार खाता है। बड़े अपने इंदौर में पतियों की कुटाई भी जमकर होती है। बड़े अब देखते है की इस ठंड में क्या-क्या होने वाला है।
इन्दौरी तड़का : भिया आज सब जगे पे धन ही धन बरसेगा
इन्दौरी तड़का : बड़े आज तो सब जगे पे गाय की पूजा होगी
इन्दौरी तड़का : बावा आज तो जमकर तैयार होने का दिन है