इन्दौरी तड़का : बड़े फिर 12 अगस्त को तो रात ही नी होगी ना
Indori Tadka : हाँ भिया फिर सूना ही होगा तुमने की 12 तारीख को रात नी होगी। मतलब सम्पट ही नी पड़ रिया है की लोग आखिर चाहते क्या है। जिसको देखो झूठ पे झूठ फेंके जाता है और लोग जल्दी-जल्दी विशवास बी कर लेते है। भिया ऐसा कबि हुआ है की रात ना हो तो 12 को कैसे होएगी। अभी वो चोटी काटने वाली चुड़ैल का अलग तहलका मचा रखा है। ऐसे ऐसे मेटर हो रिए है की क्या बोलो। मतलब फालतू की मगजमारी में फंसे है लोग बी कुछ बी बोल दो सब सच मान लेंगे उनको बोल दो ना की तुम दो दिन में मर जाओगे तो वो बी मान लेंगे। बड़े कसम से इंदौरी है ही ऐबले। इनको सभी बातों पे इत्ती जल्दी यकीन होता है की बस। अब सब मानके बैठ गए है की चुड़ैल है जो चोटी काट के ले जाती है, ये बी मानके बैठे है की 12 तारिक को रात वाट नी होंगी।
अबे चू** ही हो क्या ऐसा कबि हुआ है। इत्ती बार ना जाने कौन कौन सी अफवाह उडी है कुछ हुआ है जो यई होगा। मतलब बावा कसम से मत मानो कुछ बी ऐसे ही रहोगे तो चुतियापा होता ही जाएगा। बड़े सब ऐसे ही फ़ालतू के खेल है जो बोल दे और मान लो। ये सब वो लोग मानते है जिनको अक्ल नी होती है। अब बताओ मानते हो क्या ये सब फ़ालतू की अफवाह। बड़े सब अफवाह है इसे एक कान से सुनके एक कान से निकाल देओगे ना तो मजा आएगा। फ़ालतू इस पे भरोसा नी करो तो ही भला है।
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