कभी खत्म नहीं होता इस जगह का पानी, लोग भी हुए हैरान सुनकर इसकी कहानी
दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले की तेंदूखेड़ा तहसील के सैलवाड़ा से 5 किलोमीटर दूर धरी ग्राम में स्थित दिव्य सिद्ध किशनगढ़ धाम सिद्धों की तपोभूमि के नाम से प्रसिद्ध हो चुका है. सद्गुरु देव दादा जी सरकार ने इस सिद्ध क्षेत्र किशनगढ़ धाम में तपस्या की और ईश्वरीय महिमा का प्रत्यक्ष उदाहरण यहां आज भी देखने के लिए मिलता है. जहां विशालकाय चट्टानों से हमेशा जल की धारा निकलती रहती है.
पत्थर के बीचो बीच बने इस कुंड में पानी कैसे निकल रहा है, इसका पता आज तक कोई भी नहीं लगा पाया है. पत्थरों में किसी प्रकार का कोई छेद भी दिखाई नहीं देता है. फिर भी बारह महीने इस कुंड से पानी बहता रहा है, जो कभी खत्म नहीं होता. इसे ईश्वरीय शक्ति कहें या सिद्धों की तपस्या, लगातार कुंड में से पानी का रिसाव भी देखने के लिए मिल रहा है.
गर्मियों में बढ़ जाता है जलस्तर: बता दें की पत्थरों से निकलने वाला यह पानी पास ही बने दूसरे बड़े कुंड में एकत्रित होने लग जाता है, जिससे पशु-पक्षियों और भी वन्यजीव, जंतुओं की प्यास बुझ जाती है. ग्रामीणों ने इस कुंड को भगवान का चमत्कार कहा जा रहा है. कुछ लोगों ने सद्गुरु देव दादा जी सरकार की तपस्या का फल भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप को और भी ज्यादा बढ़ा रहा है, वैसे-वैसे कुंड में पानी का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. जंगल में स्थित होने के चलते पहले के बुजुर्ग बताते हैं कि उस दौर में नीचे बनी गुफाओं में शेर भी रहा करते थे. रात्रि के वक़्त जब दादा जी सरकार तपस्या करते थे जब जंगली जानवरों का भी दादा जी सरकार के आसपास घेरा डाले रहते थे.
कभी समाप्त नहीं होता पानी: इतना ही नहीं स्थानीय निवासी रघुनाथ यादव ने इस बारें में कहा है कि वह सिद्ध क्षेत्र किशनगढ़ धाम है जिसे तपोस्थली भी बोला जाता है वहां एक पत्थर के बीच में से पानी निकलता है जो कभी खत्म नहीं होता है. वहीं स्थानीय शिक्षक राम प्रसाद गोटिया ने इस बारें एम् कहा है कि इस क्षेत्र को सिद्धों की तपोभूमि बोला जाता है, जहां नीचे शेरों की गुफाएं हैं. वहां शेर रहा करते थे. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है वैसे-वैसे कुंड में भी पानी बढ़ता ही चला जाता है.