इस वजह से आज तक मंगल पर नहीं जा पाया कोई
मंगल पर आज तक कोई क्यों नहीं जा पाया...? यह सवाल हम सभी के मन में है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके पीछे का रहस्य. पहले तो आपको बता दें कि धरती से मंगल ग्रह की दूरी करीब 14 करोड़ मील है और चांद तक पहुंचने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को मुश्किल से तीन दिन की यात्रा करनी पड़ी थी, लेकिन मंगल तक पहुंचने के लिए इंसान को कई महीनों तक सफर करना होगा. ऐसे में यह अपने आप में एक बड़ी चुनौती है कि इतना सफर किया जा सकता है या नहीं वह भी सेफ. क्योंकि अंतरिक्ष यात्रियों को चाहे कितना भी प्रशिक्षण दिया गया हो, लेकिन थोड़े समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद उनके व्यवहार संबंधी परेशानी आने ही लगती है.
कहा जाता है अब इसके लिए नासा एक ऐसी टीम की तलाश कर रही है, जिसमें मजाकिया लोग भी हों जो अपना काम बखूबी करें. इसी के साथ ही वो पूरी टीम को हंसाते भी रहें, क्योंकि इतने लंबे समय के मिशन में इंसान के अंदर तनाव आना लाजमी है. आपको बता दें कि मंगल ग्रह पर इंसानों को अलग तरह के गुरुत्वाकर्षण का भी सामना करना पड़ेगा और धरती पर जिस इंसान का वजन 100 पाउंड यानी 45.3 किलो होगा, मंगल ग्रह पर उसी का वजन 38 पाउंड यानी 17.2 किलो हो जाएगा.
जी हाँ, मंगल का तापमान और दबाव भी इंसानों के लिए एक बड़ी चुनौती हो जाती है. वहीं पृथ्वी के मुकाबले ठंड, धूल भरी आंधी और बवंडर, मंगल ग्रह पर कहीं ज्यादा हैं और गर्मियों में मंगल ग्रह का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहता है, लेकिन सर्दियों में यही तापमान -140 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. वहीं व्यक्ति के जिंदा रहने के लिए सबसे जरूरी है ऑक्सीजन, लेकिन मंगल ग्रह पर इसकी भारी कमी है और मंगल के वातारण में 96 फीसदी कार्बन डाई ऑक्साइड है, 1.93 फीसदी आर्गन, 0.14 फीसदी ऑक्सीजन और 2 फीसदी नाइट्रोजन है. इसी करण से आज तक मंगल पर जाना मुमकिन नहीं हो पाया.
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