ब्रह्माजी और विष्णुजी के विवाद के कारण मनाई जाती है महाशिवरात्रि
आप सभी जानते ही हैं कि आज महाशिवरात्रि है. ऐसे में इस दिन को बहुत ही पावन दिन कहा जाता है और इस दिन भोले बाबा का पूजन होता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस दिन को क्यों इतना ख़ास माना जाता है और इस दिन क्यों हुआ था ब्रह्माजी और विष्णुजी का विवाद.
शिवपुराण
इसके अनुसार, सृष्टि के आरंभ में ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया. इनके विवाद को देखकर एक अग्नि स्तंभ प्रकट हुआ और आकाशवाणी हुई, जो इस अग्नि स्तंभ के आदि और अंत को जान लेगा वही श्रेष्ठ होगा. ब्रह्माजी और विष्णुजी दोनों युगों तक प्रयास करने के बाद भी इस रहस्य को नहीं जान पाए तब भगवान विष्णु ने अपनी पराजय स्वीकर कर ली और अग्नि स्तंभ से अपना रहस्य प्रकट करने की विनती की.
उस दौरान भगवान शिव ने बताया कि दरअसल आप दोनों श्रेष्ठ हैं लेकिन आप सभी से श्रेष्ठ मैं परबह्म हूं जो आदि और अंत से रहित होकर अभी अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट हुआ हूं. भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने तब उस अग्नि स्तंभ की पूजा की. इसके बाद वह अग्नि स्तंभ एक दिव्य ज्योर्तिलिंग में बदल गई. जिस दिन यह घटना हुई थी वह महाशिवरात्रि थी. भगवान विष्णु और ब्रह्मा से पूजित होने के बाद भगवान शिव ने यह वरदान दिया कि महाशिवरात्रि के दिन जो भी भक्त उनके लिंग स्वरूप की पूजा करेगा उसे पूरे साल शिव की उपासना का फल प्राप्त हो जाएगा.
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