आखिर इतना वजन उठाने के बाद भी कैसे हवा ने उड़ता है प्लेन
हवाई जहाज की सवारी करना हम सभी को बहुत पसंद होता है. बचपन से जब भी आसमान में प्लेन जा रहगा था, हमारी नजरें उसका पीछा कर प्लेन को दूर तक छोड़ कर आ रही है. फिर उसके धुएं से बनी डिजाइन में आकार ढूंढ रहे है. उस वक़्त शायद हमारे दिमाग में कभी नहीं आया होगा कि इतना भारी विमान सैकड़ों लोगों को लेकर बिना किसी सपोर्ट के उड़ कैसे रहा है. लेकिन बड़े होते-होते सबके दिमाग में यह बात जरूर आई चुकी है. यदि जवाब नहीं पता, तो हम आपको बताते हैं. एयरप्लेन कैसे उड़ता है यह समझना अधिक कठिन नहीं है. बस फिजिक्स की थोड़ी सी नॉलेज और आप भी बन सकते हैं इसके एक्सपर्ट...
इसके लिए हमें चार शब्द याद रखने होंगे-
1. Thrust
2. Drag
3. Weight
4. Lift
सबसे पहले आता है थ्रस्ट. थ्रस्ट उस फोर्स को बोलते है, जो एयरप्लेन को आगे बढ़ने में सहायता करती है. इसके लिए प्लेन के दोनों विंग पर एक-एक इंजन लगा होता है. इस इंजन का काम है थ्रस्ट पैदा करने का काम बी करता है. यह इंजन सामने सा आ रही हवा को खींच कर कंप्रेस (हवा का दबाव बढ़ाना) करता है और पीछे छोड़ कर चले जाते है. यह ठीक वैसा ही हुआ जैसे हम गुब्बारे में हवा भर उसे छोड़ दें, तो वह ऊपर की तरफ भागने लगता है. कंप्रेस हवा को छोड़ने से थ्रस्ट पैदा होता है.
आइए समझते हैं कैसे काम करता है यह इंजन-
1. Fan: यदि आप इंजन को सामने से देखते है, तो सबसे पहले एक फैन दिखाई देने वाला है. यह पंखा टाइटेनियम का बना होता है और बहुत पावरफुल होता है. इस फैन से लाखों किलो हवा को खींचकर इंजन में भेजा जा रहा है. दरअसल, हवा दो रास्तों से होकर जा रही है. या तो वह सीधा इंजन में जा सकती है या फिर उसके बगल से निकलकर चली जाती है. इंजन के बगल से गुजरने वाली हवा को हम Bypass बोलते हैं. इस भी थ्रस्ट पैदा होता है और यह इंजन को ठंडा रखने में भी बाइपास एयर सहायता करती है.
2. Compressor: कंप्रेसर का काम है हवा को दबा कर उसकी डेंसिटी बढ़ाना पड़ता है. कंप्रेसर चलाने पर उसके ब्लेड छोटे होत चले जाते हैं और हवा को कंप्रेस भी कर रहे है. 3. Combustor: कंप्रेसर से होकर हवा कंबस्टर में जा रही है, जहां उसके तेल (Fuel) के साथ मिलाकर जालाया जाता है. यह सुनने में शायद आसान लग रहा होगा, लेकिन प्रोसेस बहुत ही कॉम्प्लीकेटेड भी हो जाते है.
4. Turbine: गरम हवा को अब टरबाइन से गुजरती है तो टरबाइन की रफ्तार तेज होने लग जाती है. इस टरबाइन से ही फैन और कंप्रेसर भी जुड़े होते हैं, जो और तेजी से हवा खींचने लग जाते है. 5. Mixer/Nozzle: इस आखिरी स्टेप में कंप्रेस्ड हवा को तेजी से बाहर निकाला जाता है.