इंदौरी तड़का : भिया ये इंदौरी बच्चो की ज़िन्दगी एग्जाम हॉल में मुजरा करती है मुजरा
इंदौरी तड़का : हां भिया किदर ध्यान है, थोड़ा इदर बी देख लो। भिया आज तो हम आपको इंदौरी बच्चो के बारे में आपको बताने जा रिए है। वैसे आप तो जानते ही है की बच्चो की ज़िन्दगी कोई हलवा नी है बचपन में तो बोत पापड़ बेलने पड़ते है। बचपन मतलब समझ रिए हो ना चच्चा स्कूल से कॉलेज तक का सफर। भिया बोत मुश्किल सफर होता है इस वक्त अपन की सारी अकड़ इसी में निकल कर बाहर मुजरा करने लगती है। साला रोज रोज स्कूल से घर, घर से स्कूल मतलब कुछ रेता ही नी है इनके अलावा ज़िन्दगी में। इससे भन्नाट तो अपन की कॉलेज लाइफ होती है। वहां की तो बात ही फाडू है क्लासेस में जाना है तो जाओ नी तो कोई बात नी कॉलेज वाले बुलाएंगे बी नी। करो लप्पासी , पेलो सबको कोई दिक्कत नी आती है।
लेकिन जब बात एग्जाम की आती है तो इंदौरी बच्चो की बारा की ढेर हो जाती है। क्योंकि ये पढ़ते तो है ही नी हर वक्त बस लप्पासी में ही इनका दिन निकलता है। कबि कोई क्लास नी अटेंड करेंगे और एग्जाम के पेपर्स देख कर पूछते है भिया ये बी कबि पढ़ाया था क्या ? मेरेको तो याद ही नी है ? एग्जाम हॉल के बाहर अपने सभी दोस्तों को कह देंगे यार भई तू शुरू का बता देना बाकि तो तेरा भिया टॉप कर लेगा इस बार। कई कई तो ये छोरियां बी ऐसी होती है की क्या कहे। एग्जाम के पहले तो ऐसे रेती है जैसे इनको सब आता है और एग्जाम हॉल में इनकी शक्ल देखके हंसी आ जाती है। अब इस विडियो को ही देख लेओ, इस विडियो में कुछ गाने बताए गे है जो इंदौरी बच्चो की एग्जाम वाली सिचुएशन पर बिलकुल फिट बैठते है। इस विडियो में इंदौरी बच्चो की हालात को साफ़ बता रिया है।
इंदौरी तड़का : नी नी ताऊ वो मेरा दोस्त नी भई है भई
इंदौरी तड़का : चच्चा रंजीत भिया अपन को पागल बना रिए है मेरेको तो लगता है प्रभु देवा के भई है वो
इन्दौरी तड़का : सुबे से लेके शाम तक इंदौर में लोगों की ज़िन्दगी झंड रेती है