इन्दौरी तड़का : भिया इंदौरियों को सब सई साट ही जमता है
हाँ भिया यहाँ पे ऐसा ही है। लोगो को यहाँ पे सब सई साट ही जमता है कोई लोचा नी होना बस। सब चींज़े यहाँ पे लोगो को एक नम्बर ही किए होती है। कुछ बी कर लो बस एक नम्बर होना चिए। भिया यहाँ की तो बात है ही अलग यहाँ पे कोई काम बी नी होता डाइरेक्ट काण्ड होते है काण्ड। वो बी ऐसे ऐसे की क्या बोलो। बड़े यहाँ पे पोहा चिए तो वो बी सई साट जीरावन डाल के। जलेबी चिए तो लपक के मीठी, पानी पूरी चिए तो लपक के तीखे , सब मतलब सई साट ही होना कोई गड़बड़ ना हो। बड़े यहाँ के लोगो को सई साट की ऐसी लत लगी गई है की अब कोई अच्छा नई लगता सई साट चींजो के अलावा। बड़े क्या बोलो इन इन्दोरियों को इनको तो मेडम अगर डांट बी दे तो वो बी सई साट ही होना चिए। और बात करो ऑफिस के लोगो की तो वो बी ऐबले ही होते है इनको तो सब का सब सई साट ही जमता है। भिया यहाँ के लोगो की बोली में बी सई साट बैठ गया है वैसे ही इनकी ज़िंदगी में बी सई साट बैठ चुका है सई साट होने के अलावा इनको कुछ नई जमता।
यहाँ पर जब कोई को कुछ बी चीज़ अच्छी लगती है तो वो यई केता है बड़े एकदम सई साट। जब कोई छोरी को कोई ड्रेस पसंद आती है तो वो बी यई केती नजर आती है भेन एकदम सई साट। घर में बच्चा अच्छे नम्बर लाता है तो पिताजी केते है बावा एकदम सई साट। घर में कोई अच्छा काम कर दो तो माँ केती है बेटा भोत सई साट। मतलब ये जो शब्द है ना सई साट ये इंदौरियों की जान है जान। सब के सब यहाँ पे सई साट है बड़े।
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