इन्दौरी तड़का : भिया ये साल कुछ जल्दी भगे नई जा रिया है
Indori Tadka : हाँ भिया इस बार का साल तो ऐसे भगे जा रिया है जैसे कोई दूल्हा अपनी शादी से भगता है। बड़े कसम से ये साल जित्ती जल्दी जा रिया है ना उत्ती जल्दी तो कोई हिरन बी ना भग पाए। इस बार हर दिन जल्दी जल्दी कट रिया है कोई रुकने को तैयार ही नी है। अब तुम ही देख लो बावा अगस्त आ गया और अब आज तो 17 तारीख बी हो गई मतलब बस अब बचे है कुछ ही गिने चुने महीने बस। बड़े कसम से गलत बात है ना ये ऐसे कोई महीने को बीतना चिए क्या आराम से जाए ना इसको काय की जल्दी है जो ऐसे भगा जा रिया है। आर्म से रुको और फिर जाओ। इस बार का साल तो कसम से ऐसे निकल गया की कुछ पता ही नी चला। अब बस गिने चुने चार महीने रे गए है जो बी जल्दी जल्दी निकल जाएंगे। इस बार का साल वैसे जल्दी कट बी गया और अच्छा बी गया कोई दिक्क्त नी आई।
लपक मस्ती हुई, मेटर बी हुए लेकिन सुलझ गए, और अपना इंदौर तो सबसे निपटने को तैयार रेता है इसको कोई दिक्क्त नी है। इंदौर के सब के सब लोग आराम से ज़िंदगी के मजे लेना जानते है बाकी तो अपन सभी समझदार है की कैसे कैसे एन्जॉय करना है अपनी बची कूची ज़िंदगी को। बड़े इस साल एक बी कुछ ही दिन बचे है और मजे ले लो फिर नया साल, फिर नए दिन , और फिर एक बार नई ज़िंदगी।