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900 साल पुराना है यह मंदिर, होती है गोबर गणेश की पूजा

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वैसे तो भारत में कई मंदिर हैं जो बहुत अजीब-गरीब हैं. ऐसे में भारत में भगवान गणेश के बहुत से मंदिर हैं जो भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र हैं. इन सभी मंदिरों के अपने-अपने रीती रिवाज है और सभी के अपने अपने विधि विधान है. ऐसे में आज हम आपको यहां भगवान गणेश के एक खास मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो पुराना तो है ही साथ ही यहां विराजमान भगवान गणेश की मूर्ति भी अलग ही तरीके की है. तो आइए आज जानते हैं इस विशेष मंदिर के बारे में. 

कहा जाता है मध्यप्रदेश के महेश्वर नामक स्थान पर भगवान गणेश का करीब 900 साल पुराना मंदिर है और यह मंदिर दक्षिणमुखी है और इसकी खास बात ये है कि यहां पर विराजमान भगवान गणेश की मूर्ति गोबर की है. जी हाँ, कहते हैं इस मंदिर में गोबर की मूर्ति होने के कारण ये मंदिर गोबर गणेश मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और इस मंदिर का बाहरी हिस्सा गुंबद जैसा है जिसके बारे में यहां के लोगों का कहना है कि औरंगजेब के शासन काल में इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने का प्रयास किया गया था और तभी से इसका बाहरी हिस्सा गुबंद जैसा हो गया.

वहीं गोबर गणेश मंदिर की एक और खास बात ये है कि जो भी भक्त यहां अपनी मनोकामना लेकर आता है वह यहां उल्टा स्वास्तिक बनाकर लगाता है और जब मनोकामना पूरी हो जाती है तो स्वास्तिक को सीधा कर देते हैं. आप सभी को बता दें कि अधिकतर गणेश मंदिर में उल्टा स्वस्तिक बनाने का विधान है जिसे बनाने से सब मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

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