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इतिहास में एक नहीं थे तीन-तीन श्री कृष्ण थे, जानिए रहस्य

Mystery Of Mahabharata And Lord Krishna

आप सभी को बता दें कि महाभारत में कई ऐसे रहस्य छुपे हुए हैं और इनमें से कुछ तो लोग जानते ही हैं कि कई ऐसे रहस्य ऐसे भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है. ऐसे में आज हम आपको महाभारत और श्री कृष्ण से जुड़ी कई बातों को बताने जा रहे हैं. तो आइए जानते है महाभारत के एक रहस्य.

जी दरअसल सभी इस बात से वाकिफ है कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार थे और महाभारत युद्ध के सबसे बड़े सूत्रधार, लेकिन इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि महाभारत काल में एक नहीं बल्कि तीन-तीन कृष्ण थे? जी हाँ, वैसे तो दुनिया एक श्री कृष्णा से ही वाकिफ है लेकिन बाकी दो को कोई नहीं जानता जिनके बारे में हम बताने जा रहे हैं. जी दरअसल दूसरे कृष्ण का नाम है महर्षि वेदव्यास, जो कि महाभारत के रचयिता भी थे. जी हाँ, महर्षि वेदव्यास का असली नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन था और इस संबंध में दो कथाएं प्रचलित हैं.  इनमे पहली यह है कि महर्षि वेदव्यास का रंग सांवला था और उनका जन्म एक द्वीप पर हुआ था, इसलिए उनका नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन रखा. आगे बात करें तीसरे कृष्ण की तो उन्हें आपने टीवी सीरियल 'कृष्णलीला' में जरूर देखा होगा.

जी हाँ, इस तीसरे कृष्ण को नकली कृष्ण भी कहा जाता है लेकिन यह कृष्णा बनकर लोगों के दिलों पर राज करता है. जी हम बात कर रहे हैं पुंड्र देश के राजा पौंड्रक की जो चेदि देश में वह 'पुरुषोत्तम' नाम से पहचाना जाता था. कहते हैं कि पौंड्रक के पिता का नाम वसुदेव था और केवल इतना ही नहीं उसके मूर्ख और चापलूस मित्रों ने भी उसे ये बता दिया था कि असल में वही भगवान विष्णु का अवतार है, वही असली कृष्ण है. कहते हैं उस शख्स के दिमाग में यह बात इतनी घर कर गई और उसने भगवान श्रीकृष्ण की तरह ही अपना रंग और रूप बना लिया था. 

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