इन्दौरी तड़का : बड़े इंदौर में पोए और जलेबी से ज्यादा कोई फेमस ना है
Indori Tadka : हाँ बड़े इंदौर में सबसे ज्यादा अगर कुछ चल रिया है तो वो पोए और जलेबी ही है। इससे ज्यादा कुछ चलता ना है यहाँ। बड़े यहाँ के लोगो को पोए और जलेबी से ज्यादा कुछ अच्छा नी लगता है और ऐसे टूटते है उसके लिए की क्या बोलो। सब के सब एक दिन में दो से तीन बार तो पोए खा ही लेते है और सूबे सूबे की बात करों तो एक बी दूकान तुमको ऐसी नी मिलेंगी जहाँ पे लोग नी हो। सब के सब सूबे सूबे उठ के सबसे पेले अगर कहीं जाते है तो वो वहीँ दुकाने है जहाँ पे पोए और जलेबी मिलती है। बड़े वो केते है ना लत लग जाती है तो छुड़ाए ना छूटती, वहीँ हाल इन्दोरियों का बी है। इनको बी पोई की लत लग गई है जो अब कबि नी छूटने वाली। भिया यहाँ पे लोगो को सबसे ज्यादा खाने में बी यहीं अच्छा लगता है बाकी कुछ और दे दो तो ये हाथ बी ना लगाएंगे।
मेको तो ये सम्पट नी पड़ता है की जिस दिन ये पोए मिलना बंद हो जाएंगे उस दिन क्या होगा इंदौर का। बड़े इंदौर तो मर ही जाएगा इन पोए के जान है वो तो इंदौर की। बिन पोए के ज़िंदगी वीरान होती है सबकी इंदौर में एक बंदा या बंदी ऐसी नी मिलेंगी जो ये कहे की मेको पोए नी जमते। भिया यहाँ पे सबको पोए जमते है अगर कोई मेहमान बी घर पे आ जाए ना तो उसके लिए बी पोए का ही इंतज़ाम होता है। अगर कहीं मेटर हो जाए और बैठके देखना हो तो लोग पोए बुलवा लेते है खाने को और मस्ती के लिए लड़ाई तो चल ही री होती है। बड़े इंदौर के पोए कोई एक बार खा ले तो दीवाना ही हो जाए।
इन्दौरी तड़का : Jio तो मान ही नी रिया है भिया सबकुछ फ्री करे जा रिया है
इंदौरी तड़का : बड़े भोत दिन से कहीं पे दावत नी मिल री है
इन्दौरी तड़का : बड़े इंदौर में सब अपने मन के है , कोई कोई की ना सुनता