खौलते हुए दूध में नहलाते है बच्चे को ऐसी है भारत की कुछ अजीबोगरीब परम्पराए
इस दुनिया में बहुत से अलग-अलग धर्म, जाति और समाज है जिनके अलग-अलग रीति-रिवाज और परम्पराए होती है. भारत में भी सैकड़ो परम्पराए निभाई जाती है. लेकिन बहुत से ऐसे भी रीति-रिवाज है जिनके बारे में ना तो कभी आपने देखा होगा और ना ही सुना होगा. ये सभी रीति-रिवाज इतने कट्टर और क्रूर होते है कि देखकर आपका भी दिल दहल जायेगा. आज हम आपको भारत की कुछ जगह के ऐसे ही अनसुने रीति-रिवाजो के बारे में बता रहे है-
उत्तरप्रदेश के वाराणसी और मिर्जापुर इलाके के कुछ मंदिरो में 'कराहा पूजन' नाम की एक परंपरा है. इसके अंतर्गत नवजात बच्चे को उसके पिता खौलते हुए दूध में नहलाते है. इतना ही नहीं बच्चे को नहलाने के बाद उसके पिता भी खौलते हुए दूध में नहाते है.
मध्य प्रदेश के उज्जैन और आसपास के गांव में दिवाली के अगले दिन 'गाय गोहरी' नाम की परंपरा होती है. इसमें गांव के लोग जमीन में लेट जाते है और फिर उनके ऊपर से बहुत सी गाय गुजरती है.
मध्यप्रदेश के ही बैतूल जिले में भी कुछ ऐसी ही अजीबोगरीब परंपरा होती है. यहाँ हनुमान जयंती के दिन सभी लोग अपने शरीर में छेद करवाते है. यहाँ के लोगो को मानना है कि ऐसा करवाने से चेचक की बीमारी नहीं होती है.
महाराष्ट्र के शोलापुर में भी एक ऐसी ही परंपरा निभाई जाती है. यहाँ बाबा उमर दरगाह और कर्नाटक श्री संतेश्वर मंदिर में छोटे बच्चो को छत पर से फैका जाता है. और नीचे खड़े हुए लोग उस बच्चे को चादर के अंदर थामते है. बच्चे का स्वास्थ्य ठीक रहे इसलिए ऐसा किया जाता है.
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