आज है विश्वकर्मा जयंती, जानिए इसे मनाने के पीछे का लॉजिक
आप सभी इस बात को तो जानते ही होंगे कि हिन्दू धर्म में सभी त्यौहार या व्रत हिन्दू पंचांग की तिथि के अनुसार मनाते हैं लेकिन विश्वकर्मा जयंती को हर साल सिर्फ 17 सितंबर को मनाया जाता है. ऐसे में इस जयंती को मनाने के पीछे भी कुछ लॉजिक है. जी हाँ, ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि विश्वकर्मा पूजा हर साल एक ही दिन क्यों मनाई जाती है.
![हर साल एक ही दिन क्यों मनाई जाती है विश्वकर्मा जयंती](https://viral.newstracklive.com/uploads/september2019/kaB0ly0Ym81568712630.jpg)
हर साल एक ही दिन क्यों मनाई जाती है विश्वकर्मा जयंती
जी दरअसल कहा जाता है विश्वकर्मा जयंती को लेकर हिन्दू धर्म में कई मान्यताएं हैं. इनमे कुछ धर्मपंडितों का कहना है कि भगवान विश्वकर्मा का जन्म अश्विन कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि को हुआ था, वहीं कुछ का मानना है कि भाद्रपद की अंतिम तिथि को विश्वकर्मा पूजा करना शुभ होता है. इस कारण से विश्वकर्मा पूजा को सूर्य के पारगमन के आधार पर तय किया जाता है और इसी के कारण हर साल 17 सितंबर को ही विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है.
![कौन है भगवान विश्वकर्मा](https://viral.newstracklive.com/uploads/september2019/iF492nvTPc1568712630.jpg)
कौन है भगवान विश्वकर्मा
आपको बता दें कि भगवान विश्वकर्मा को निर्माण का देवता कहते हैं और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पौराणिक काल में देवताओं के अस्त्र-शस्त्र व महलों को भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था. इसी के साथ ही इन्होंने सोने की लंका, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज, भगवान शिव का त्रिशूल, पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी, भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी को भी बनाया था और इस वजह से निर्माण और सृजन से जुड़े लोग विश्वकर्मा जयंती को श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं.
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