इन्दौरी तड़का : बड़े अब लोगो को इंतज़ार है छोटी दिवाली का
अभी दिवाली गई कहा है भई अभी तो छोटी दिवाली बची ही है। अभी जित्ते बी लोग है ना अपने इंदौर में सभी को लपक के छोटी दिवाली का इन्तजार है सब के सब छोटी दिवाली के इंतज़ार में बैठे है की कब आए और कब पटाखे छोड़े जाए। बड़े अभी बी इन इंदौरियों का दिल थोड़ी भरा है पटाखे छोड़ के अभी तो ये छोटी दिवाली एक इंतज़ार में बैठे है सब के सब मरे जा रहें है की कब आए छोटी दिवाली और कब हम पटाखे फोड़े। बड़े ये अपने इंदौर वालो का दिल कबि नी भरता पटाखे फोड़ के इनको अगर बोल दो की तुम दिनभर पटाखे फोड़ो तो ये दिनभर पटाखे फोड़े। कसम से ऐसे ऐसे लोग बाहर पड़े है ना इंदौर में की क्या बोलो। आधे तो अपने हाथ में ही पटाखे फुड़वा लेते है, तो आधे मुँह में रखकर पटाखे फोड़ते है।
बड़े ऐसे ऐसे ऐबले मिलेंगे ना इंदौर में की क्या बोलो। भिया इंदौर में भरे ही ऐसे लोग है की कुछ कहा नी जा सकता है। बड़े इंदौरियों को आधी जल्दी तो इसलिए है छोटी दिवाली आने की उनको गन्ने खाने को मिलेंगे ना। हाँ आधे लोग तो गन्ने खाने को मरे जा रे है अपने इंदौर के बच्चे तो खासकर सबको छोटी दिवाली का इंतज़ार है की आए और गन्ने खाने को मिले।
इन्दौरी तड़का : बावा आज तो जमकर तैयार होने का दिन है
इन्दौरी तड़का : आज इंदौर में मनेगा अन्नकूट
इन्दौरी तड़का : इंतजार तो बस आज के दिन का था, हैप्पी दिवाली