रहस्य से भरा पड़ा है उत्तर प्रदेश का यह शिव मंदिर
दुनियाभर में कई मंदिर हैं जो अजीबोगरीब है. ऐसे में आज हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के नैमिषारण्य का देवदेश्वर धाम की जो एक अद्भुद रहस्य को अपने अंदर समेटे हुए है. जी हाँ, कहते हैं इस मंदिर का शिवलिंग द्वापर युग का बताया जाता है और इस मंदिर में रखी सीता की मथानी को छूने से मनोकामना पूरी होने की मान्यता बताई जाती है. वहीं देवदेश्वर धाम सीतापुर-हरदोई रोड पर आदिगंगा गोमती किनारे स्थित है और ऐसा कहा जाता है इस मंदिर का शिवलिंग द्वापर युग का है. इसी के साथ देवदेवेश्वर का जिक्र वायुपुराण सहित अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है और हिन्दू धर्मावलम्बियों का मानना है कि ''वनवास के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व माता सीता ने इस मंदिर में पूजा की थी.'' इसी के साथ ऐसी मान्यता भी है कि ''मंदिर की स्थापना स्वयं वायु देवता ने की थी. रोजाना अन्य प्रांतों के साथ ही क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु देवदेश्वर धाम में पूजन करने आते हैं. भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के बाद सीता की मथानी छूकर मनोकामना करते हैं. पहले यह मथानी मंदिर परिसर में पड़ी थी. उस समय श्रद्धालु मथानी को उठाकर मन्नतें मांगते थे. उठाने और रखने में मथानी टूटने लगी थी. ऐसे में मंदिर के पुजारी ने मथानी को जाम करवा दिया.''
मुगल आक्रांता ने किया था हमला
कहते हैं ''मुगल शासक औरंगजेब ने अन्य हिन्दू धर्मस्थलों के साथ ही देवदेवेश्वर धाम पर भी हमला किया था. उसने तलवार से दिव्य शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करने का कई बार कुत्सित प्रयास किया. उस समय शिवलिंग से मधुमक्खियां व बर्र निकलने लगे थे. इसके चलते मुगल शासक और उसकी सेना को भागना पड़ा था.''
सावन में यहां लगता है अनूठा मेला
जी दरअसल सावन में देवदेवेश्वर धाम में श्रद्धालुओं का ऐसा जमावड़ा लगता है कि आपको पैर रखने की भी जगह नहीं मिल सकती.
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