Trending Topics

तो इस वजह से समुद्र का पानी होता है नीला

so because of this the sea water is blue

आज हम आपको समुद्र का पानी नीला क्यों होता है इसके बारे में बताने जा रहे हैं. अन्तरिक्ष से देखने पर हमारी पृथ्वी नीली दिखाई देती है और जिसके कारण से पृथ्वी पर मौजूद बड़े बड़े सागर है. पृथ्वी के लगभग 70 प्रतिशत भाग पर पानी है मतलब प्रथ्वी का ज्यादातर भाग पानी से घिरा हुआ है. ऐसे में पानी का रंग नीला दिखने के कारण से समुद्र तो नीले दिखते ही है साथ में प्रथ्वी भी नीली दिखाई देती है. तो इसके पीछे क्या वजह है यहाँ हम आपको बहुत आसान भाषा में बताने का प्रयास करने वाले है. तो यह सवाल दुनिया के तमाम लोगो के मन में होता है. जिन लोगो ने विज्ञान को पढ़ा है शायद उनको इसके बारे में पता होगा लेकिन आज भी बहुत से लोग जिनको इस बारे में कुछ भी नहीं जानते है.


 

इस दुनिया कई ऐसी चीजे हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती है इन्ही में से एक समुद्र का रंग भी है. जो कई सदियों से नीला ही नजर आता है. पहले विज्ञान इतना विकसित नहीं था इसलिए पहले के जमाने को लोगो को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था लेकिन आज विज्ञान ने अब तक बहुत ही ज्यादा तरक्की कर ली है. हम इस विषय को विज्ञान के माध्यम से जान सकते हैं. तो चलिए जानते है विज्ञान इस विषय में क्या कहना है.

इस बारें में तो हम सभी जानते है कि पानी का कोई रंग नहीं होता है मतलब पानी रंगहीन है पानी में जिस कलर को मिला दो वह उसी कलर का ही होता है. हालाकि सागर का पानी कोई कलर मिलने की वजह से नीला नहीं है यह सूर्य से आने वाली किरणों की वजह से नीला नजर आता है. बता दें कि सूरज की सफेद किरणें समुद्र पर गिरती हैं और हम सभी जानते हैं कि सफेद रंग सात रंगों से मिलकर बनता है. जो इंद्रधनुष के रंग भी होते हैं यानी बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल. आप इन रंगों को प्रिज्म के जरिये भी देख पाएंगे. जब सूर्य की किरणें समुद्र पर पड़ती है तो सफ़ेद रौशनी में मौजूद 7 रंगों में से लाल, पीला और हरा रंग समुद्र अवशोषित करने का काम करने लग जाता है क्योंकि इनकी वेवलेंथ लम्बी होती है जबकि नीला रंग परावर्तित होकर बाहर आता है क्योंकि नीले रंग की वेवलेंथ छोटी होने लग जाती है.

1