यहाँ अपने बच्चे को डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बल्कि चोर बनाना चाहते हैं माँ-बाप
आजकल हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे बड़े होकर कुछ अच्छा करें और कुछ अच्छा बने. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे गाँव के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ माता-पिता अपने बच्चों को भिखारी बनाना चाहते हैं. जी हाँ, यह सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन ये सच है. दरअसल हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मैनपुरी ज़िले में नगला दरबारी नाम का एक गांव है, जहां माता-पिता बच्चों को इंजीनियर या डॉक्टर नहीं, बल्कि भिखारी बनाते हैं.
आप सभी को बता दें कि इस गांव में केवल 30 परिवार रहते हैं और यहां पर आज भी लोग कच्ची मिट्टी के मकानों में रहते हैं. इसी के साथ इन मकानों की सबसे ख़ास बात यह है कि इनमें कोई दरवाज़ा नहीं है, क्योंकि यहां के लोगों को न तो चोरी का डर है और न ही किसी और बात का. कहते हैं यहां पर बिजली और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है और यहां के लोग गरीबी और तंगहाली में अपना जीवन जी रहे हैं.आप सभी को बता दें कि इस गांव में रहने वाले जौहरी नाथ ने हाल ही में बात करते हुए बताया, ‘साल 1958 में उनके पिता ख्यालीनाथ परिवार के साथ इस गांव में आए थे.
जब कोई काम समझ नहीं आया तो पहले उन्होंने गुज़र-बसर के लिए पैतृक काम नागों को बीन पर नचाना शुरू किया. इसके बाद भी जब गुज़ारा नहीं हुआ, तो वो भीख मांगकर हमारा पेट पालने लगे. अब भीख मांगना ही हमारा पेशा बन गया है.’ आप सभी को बता दें कि सरकार द्वारा चलाई जा रही कोई भी योजना यहाँ नहीं जाती और इस कारण से पढ़ाई-लिखाई से दूर, हर सुख-सुविधा से वंचित इन लोगों ने अपनी एक अलग पाठशाला खोल रखी है. यहाँ बच्चों को सांपों को वश में करना सिखाते हैं और हर दिन के 100 रुपये कमाते हैं.
यहाँ रात में भगवान बन जाते हैं डॉक्टर और करते हैं भक्तों का इलाज