आखिर क्यों लगाते हैं तिलक के बाद चवाल
आप सभी जानते ही हैं कि हिंदू धर्म में धार्मिक कार्य के समय तिलक लगाया जाता है. ऐसे में तिलक के बाद उस पर चावल लगाने का भी एक प्रावधान है. ऐसे में बहुत कम लोग जानते हैं तिलक के बाद चावल क्यों लगाया जाता है. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर तिलक के बाद चावल क्यों लगाया जाता है.
जी दरअसल तिलक के बाद चावल लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण है. ऐसा माना जाता है कि तिलक लगाने से दिमाग में शाति एवं शीतलता बनी रहती है और चावल लगाने का कारण शुद्धता और पवित्रता के रूप में होता है.
जी हाँ, वहीं हिंदू धर्म में चावल को शुद्धता का प्रतीक कहते हैं और चावल को हवन में देवताओं को चढ़ाया जाने वाला शुद्ध अन्न भी मानते हैं. आपको बता दें कि चावल को सकारात्मकता का प्रतीक मानते हैं और ऐसा कहा जाता है धार्मिक अनुष्ठानों में चावल के प्रयोग से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. जी हाँ, वहीं पूजा में कुमकुम के तिलक के ऊपर चावल के दाने इसलिए लगाए जाते हैं, ताकि हमारे आसपास जो भी नकारात्मक ऊर्जा उपस्थित हो, वह सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाए. ऐसे में हिंदू धर्म में माथे पर कुमकुम का तिलक लगाने का विशेष महत्व कहा गया है. वहीं पूजा-पाठ, त्योहार, शादी और जन्मदिन जैसे आयोजनों में तिलक लगाया जाता है और शास्त्रों में श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकुम, विल्वपत्र, भस्म आदि से तिलक लगाना शुभ माना गया है.
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