आखिर क्यों बाएं हाथ की तीसरी उंगली में पहनते हैं सगाई की अंगूठी
हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि शादी केवल दो लोगों का मिलन ही नहीं होता है बल्कि इसमें दो दिल मिलते हैं, दो परिवार मिलते हैं। ऐसे में पहले के समय में तो शादी बहुत ही साधारण तरीके से होती थी लेकिन अब शादी के पहले भी कई तरह के फंक्शंस होते हैं। जिनमे एक सगाई का फंक्शन शामिल है। यह सभी के घरों में होता है। आजकल सगाई के बिना शादी होने के बारे में कहा ही नहीं जाता है। पहले सगाई होगी और फिर शादी। वैसे आप जानते ही होंगे सगाई के दौरान अंगूठी बदली जाती है जिसे रिंग एक्सचेंज सेरेमनी भी कहा जाता है। इस दौरान कपल्स एक-दूसरे को रिंग्स पहनाते हैं। वैसे आप सभी ने कभी यह नोटिस तो किया ही होगा कि कपल्स एक-दूसरे को बाएं हाथ की तीसरी उंगली (अनामिका- उंगली का हिंदी नाम) में अंगुठी पहनाते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके पीछे का कारण। आइए जानते हैं।
कारण 1
जी दरअसल रोम में यह मान्यता है कि इस फिंगर से होते हुए एक नस सीधे दिल से जुड़ी होती है। ऐसे में कपल्स का दिल से दिल का कनेक्शन हो जाए इसलिए बाएं हाथ की तीसरी उंगली (अनामिका) में अंगूठी पहनाई जाती है। जी दरअसल इसे रिंग फिंगर के नाम से भी पुकारते हैं।
कारण 2
अब बात करें चीन की मान्यता के बारे में तो उनके अनुसार हर उंगली एक रिश्ते को दर्शाती है। उनके अनुसार अंगूठा मां-बाप के रिश्ते को, तर्जनी भाई-बहन के रिश्ते को, मध्यमा स्वयं व्यक्त के लिए, अनामिका पार्टनर के लिए और कनिष्ठा (सबसे छोटी उंगली) बच्चों के साथ रिश्ते के लिए होती है। वहीँ अनामिका को पार्टनर की उंगली माना जाता है इसी में उसके द्वारा अंगूठी पहनाई जाती है।
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