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क्यों होता है इंद्रधनुष रंगीन?

history of the rainbow

इस समय भी बारिश का मौसम है और इस मौसम में अक्सर रंगीन इंद्रधनुष देखने के लिए मिलता है। वैसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं इंद्रधनुष के रंगों की कहानी। आइए जानते हैं। सबसे पहले हम आपको बताएंगे कि कैसे बनता है इंद्रधनुष- जी दरअसल बरसात के मौसम में जब पानी की बूंदें सूर्य की किरणों पर पड़ती हैं, उस समय सूर्य की किरणों का विक्षेपण ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण बन जाता है। जी दरअसल बहुत काम लोग इस बात को जानते हैं कि आकाश में शाम के वक्त पूर्व दिशा में और सुबह पश्चिम दिशा में, बारिश के बाद लाल, नीला, पीला, हरा, आसमानी, नीला और बैंगनी रंगों का वृत्ताकार चक्र जैसा कभी-कभी दिखाई देता है। 

जी दरअसल यह ही सप्तरंगी इंद्रधनुष कहलाता है। केवल यही नहीं बल्कि मूल रूप से इंद्रधनुष के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है। अगर यह ना होता तो सब कुछ काला और सफ़ेद ही होता। जी हाँ, कहा जाता है रंगों की उत्पत्ति का सबसे प्राकृतिक स्रोत सूर्य को ही माना जाता है।

आप जानते ही होंगे सूर्य की किरणों में सात रंग होते हैं और प्रिज्म की सहायता से देखने पर पता चलता है कि सूर्य सात रंग ग्रहण करता है। आपको बता दें कि यह रंग बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल होते हैं।​​​​​​​

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