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आखिर क्या है कट्टू का आटा और क्यों फलाहार में होती है इसकी गिनती

 Buckwheat explained Kattu ka atta kaise banta hai how to made buck wheat

नवरात्रि चल रही है. वहीं हिंदू धर्म में बहुत सारी महिलाएं और पुरुष इस दौरान व्रत रखते हैं. इस दौरान लोग फलाहार करते हैं और वे फलों और साबूदाना के अलावा कट्टू के आटे की पूड़ियां, पराठे, चीला, पकौड़े वगैरह भी खाते हैं. हालाँकि क्या आप जानते हैं कुट्टू की गिनती फलाहार में क्यों होती है? आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.

जी दरअसल कुट्टू के आटा को अंग्रेजी में Buckwheat कहा जाता है. जी हाँ और बकव्हीट का लैटिन नाम फैगोपाइरम एस्कलूलेंट है. आपको बता देन कि कुट्टू की गिनती अनाज में नहीं होती है. जी दरअसल गेहूं, चावल अनाज प्रजाति में शामिल होते हैं जबकि कुट्टू पोलीगोनेसिएइ परिवार का पौधा है. जी हाँ और बकव्हीट पौधे से फल प्राप्त होता है और यह फल तिकोने आकार का होता है. इसी को कट्टू कहते हैं. कट्टू को पीसकर जो आटा तैयार किया जाता है, उसे बकव्हीट (Buckwheat) यानी कुट्टू का आटा कहा जाता है. जी हाँ और इसके पौधे ज्यादा बड़े नहीं होते हैं. जी दरअसल इसमें फूल और फल गुच्छों में आते हैं. वहीं फलाहार में इसकी गिनती होने के कारण नवरात्र और अन्य व्रत त्योहारों में इसकी मांग बढ़ जाती है.

आपको बता दें कि भारत में यह बहुत कम जगहों पर उगाया जाता है. जी दरअसल हिमालय के हिस्सों वाले प्रदेशों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड और दक्षिण के नीलगिरी के अलावा पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में उगाया जाता है और इसके फल को अलग किया जाता है और फिर उससे आटा तैयार किया जाता है. आपको बता दें कि कट्टू का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है और इसी के साथ ही इसमें मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, विटामिन-बी, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज और फॉस्फोरस भी भरपूर मात्रा में होता है. केवल यही नहीं बल्कि इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट रूटीन होने के कारण यह कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को कम करता है.

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