इन्दौरी तड़का : भिया इंदौरियों के लिए दोस्ती सबसे पेले है
हाँ भिया यहाँ पे सबसे पेले अगर कोई चीज़ है तो वो है दोस्ती। हाँ बड़े यहाँ पे लोग दोस्ती एक लिए सब कुछ देने को तैयार बैठे रेते है। अगर कोई बी दोस्त के मेटर हो जाए तो दस दौड़ के आते है उस मेटर को सुलझाने के लिए। भिया यहाँ पे ऐसा ही होता है। यहाँ पे जैसे ही एक दोस्त की कैसेट उलझी सब के सब उसकी कैसेट सुलझाने पोच जाते है। भिया यहाँ पे लोगो को कोई रिश्ता नी जमता है एक ही बेस्ट है सबके लिए और वो है दोस्ती का। सब यहाँ पे कोई रिश्ता निभाए या ना निभाए पर दोस्ती सबसे पेले निभाते है। भिया यहाँ पे लोगो को सबसे सईसाट रिश्ता यई लगता है क्योंकि यहाँ पे दोस्त जान देने को बी तैयार बैठे रेते है।
भिया यहाँ पे तो दोस्त बी लपक वाले ऐबले होते है पेरेंट्स के सामने तो ऐसे शरीफ बनते है की क्या बोलो। और कबि इसने सड़क पे मिलो ऐसी ऐसी गालियां निकलती है ना इनके मुँह से की सुन सुन के सबको शर्म आ जाए पर इनको नी आएगी। बड़े कसम से यहाँ पे दोस्ती निभाना तो एक दम मस्त लगता है। बावा यहाँ पे दोस्त के केने पे गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड तक छोड़ दिए जाते है। क्या होता है ना की अगर जैसा बेस्ट फ्रेंड बोलता है वाई होता है अगर उसने के दिया की छोरा बुरा है या छोरी बुरी है तो वो मेटर वहीँ पे खत्म। और अगर कोई बेस्ट फ्रेंड को नी पसंद वो उससे नफरत करता है तो समझ लो सारे दोस्तों को उससे नफरत होनी ही है। भिया यहाँ पे दोस्ती ऐसी ही है। निभाने वाले मस्त होक निभाते है और नी निभाने वाले निभाने को मजबूर हो जाते है।
इंदौरी तड़का : बड़े इंदौर के लोगो की ज़िंदगी में दिक्कत नी बल्कि दिक्कत में ज़िंदगी है
इन्दौरी तड़का : भिया यहाँ वालो का एक ही डायलॉग है ये हर बार मेरे साथ ही क्यों होता है
इन्दौरी तड़का : ऐ जिंदगी तुझे भी टीचर्स डे मुबारक तूने बी भोत कुछ सिखाया है