इन्दौरी तड़का : बावा ये इंदौरी अपनी वाली कबि नी छोड़ पाएंगे
हाँ बड़े इंदौरी तो इंदौरी ही रेंगे इनको जो करना होता है ना ये वई करते है और कुछ इनको जमता ही नी है। जो होना है वो इनकी मर्जी का ही होना है। बड़े कसम से इंदौरियों की ऐसी ऐसी हरकते है ना की आप देख लो तो बैंड बज जाए। सब के सब ऐसे ऐबले है कसम से ज़िंदगी ही खराब है लोगो की। सब कोई अपनी ज़िंदगी में परेशान ही नजर आते है कोई अपनी वाली से परेशान है, तो कोई अपने वाले से, कोई अपने बॉस से परेशान है तो कोई अपने कलिंग्स से, कोई की लाइफ सेट नी हो री है तो कोई की लाइफ की बारा बज चुकी है, कोई के दोस्त खराब है तो कोई अपने अच्छे दोस्तों से परेशान है, कोई दिनभर बक बक करते नी थकता तो कोई बोलता ही नी है। मतलब अलग अलग किस्म के, अलग अलग प्रजाति के लोग भरे पड़े है यहाँ पे।
सबको अलग अलग सनक चढ़ी रेती है। कोई अपनी ज़िंदगी से परेशान है तो कोई को सम्पट ही नी पड़ रिया है की ज़िंदगी में हो क्या रिया है। कोई अपनी ज़िंदगी के बारे में सोच सोच के परेशान है तो कोई ज़िंदगी की परवाह ही नी कर रिया है। बड़े इंदौर के सब लोग ऐसे ही है क्या कहों। बड़े सब एक से बढ़कर एक समझदार है और सब एक से बढ़कर एक बेवकूफ।