क्या आप भी नाक में उंगली डालते हैं?, हो सकती है ये 2 गंभीर बीमारियां
आज हम आपसे एक सवाल पूछते हैं? क्या आप भी नाक में उंगली डालते हैं? अगर आप हाँ कह रहे हैं तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि ऐसा करना आपकी याद्दाश्त कमजोर कर सकता है। जी दरअसल ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि नाक में उंगली डालने की आदत से लोगों को अल्जाइमर और डिमेंशिया का भी खतरा हो सकता है। आपको बता दें कि अल्जाइमर दिमाग से जुड़ी बीमारी है, जिसमें याद्दाश्त कमजोर हो जाती है या पूरी तरह खत्म हो जाती है।
जी हाँ और सोचने-समझने की क्षमता पर भी इस बीमारी का असर पड़ता है। यह बीमारी गंभीर हो तो इंसान रोजमर्रा की दिनचर्या वाला काम भी नहीं कर पाता है। केवल यही नहीं बल्कि ज्यादातर लोगों में यह बीमारी बढ़ती उम्र (60-65) के साथ होती है। अब बात करें डिमेंशिया की तो यह भी मस्तिष्क से जुड़ी ऐसी ही एक बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 5 करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं। हमारे दिमाग में जो सीखने वाला हिस्सा (हिपोकैंपस) होता है, वही सबसे पहले प्रभावित होता है।
इस वजह से याद्दाश्त क्षमता कमजोर हो जाती है। जी हाँ और हर साल इस बीमारी के करीब एक करोड़ नए मामले सामने आते हैं। अब इस नई रिसर्च के बारे में जान लीजिए। जी दरअसल शोधकर्ताओं ने नाक की नली और मस्तिष्क को जोड़ने वाली नस को नर्वस सिस्टम में पहुंचने के रास्ते के तौर पर प्रयोग किया।
जी हाँ और ऐसे में मस्तिष्क की कोशिकाओं ने एमिलॉएड बीटा प्रोटीन का उत्पादन किया, जो अल्जाइमर्स के मरीजों के मस्तिष्क में भी बनता है। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने कहा कि चूंकि नाक और मस्तिष्क को जोड़ने वाली यह नस हवा के संपर्क में होती है और बाहरी वातावरण से मस्तिष्क के भीतरी हिस्सों की दूरी कम होती है तो ऐसे में वायरस और बैक्टीरिया इस रास्ते से मस्तिष्क में पहुंच सकते हैं।
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