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यहाँ भोले बाबा को चढ़ाते हैं झाड़ू, जानिए क्यों

Read why these devotees offer broom to Lord Shiva

आप सभी जानते ही हैं कि भगवान शिव के कई मंदिर हैं जो अपने अलग-अलग रिवाजों के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में शिव भगवान का एक ऐसा मंदिर भी है, जहां भक्‍त उन्‍हें झाड़ू चढ़ाते हैं. जी हाँ, अगर आपको हमारी बातों पर यकीन नहीं हो रहा है तो आप इस मंदिर में जा सकते हैं. जी दरअसल यह मंदिर यूपी के मुरादाबाद जिले में है. जी हाँ, मुरादाबार जिले में एक गांव है जिसका नाम बीहजोई. जी दरअसल यहां भगवान शिव का प्राचीन शिवपातालेश्वर मंदिर स्थित है और इस मंदिर में भक्त सोना-चांदी नहीं, बल्कि अपने भोलेनाथ को झाड़ू चढाते हैं. 

आइए जानते हैं क्‍यों चढ़ाई जाती है झाड़ू

जी दरअसल यहाँ के भक्तों का मानना है कि झाड़ू चढाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और ऐसा करने से त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है. इसी के साथ ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शिव का यह मंदिर पूरे इलाके में प्रसिद्ध है. और ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर 150 साल पुराना है. जी दरअसल यहां झाड़ू चढाने की प्रथा बहुत पुरानी है और शिवजी को झाड़ू चढाने रोजाना लोग घंटों लाइन में खड़े रहते हैं.

आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कथा

इस गांव में भिखारीदास नाम का एक व्यापारी रहता था, जो बहुत धनवान था. लेकिन उसे तवचा सम्बन्धी एक बड़ा रोग था. वह इस रोग का इलाज करवाने जा रहा था कि अचानक उसे प्यास लगी. वह भगवान के इस मंदिर में पानी पीने आया और तभी वजह झाड़ू मार रहे महंत से टकरा गया. जिसके बाद बिना इलाज ही उसका रोग दूर हो गया. इससे खुश होकर सेठ ने महंत को अशरफियां देनी चाही. लेकिन महंत ने इसे लेने से इनकार कर दिया. इसके बदले उसने सेठ से यहां मंदिर बनवाने की प्रार्थना की. इसके बाद इस मंदिर के लिए ये बात कही जाने लगी कि त्वचा संबंधी रोग होने पर यहां झाड़ू चढ़ानी चाहिए.

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