गैरमर्द के पसंद आते ही यहाँ उनके साथ चली जाती है महिलाएं
आज के समय में हर देश की और हर जगह की परम्परा अलग-अलग होती है. ऐसे में कई ऐसे देश और जनजाति है जो अपने पुराने रीति-रिवाज को लिए आ रहे हैं. आज हम एक ऐसी ही जनजाति के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. जी दरअसल हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के अफगानिस्तान से सटे सीमा पर सटी कलाशा जनजाति की. जी दरअसल यह जनजाति पाकिस्तान के सबसे कम अल्पसंख्यकों की श्रेणी में गिनी जाती है और पाकिस्तान की जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार इस जनजाति के समुदाय में कुल 3,800 लोग ही बचे है जो पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में चित्राल घाटी के रामबुर, बिरीर और बाम्बुराते क्षेत्र में रहते है.
आप सभी को बता दें कि ये जनजाति अपनी आधुनिक परंपराओं तथा कुछ अजीब परंपराओं के लिए जानी जाती है जैसे इनके समुदाय की महिलाओं को अगर कोई गैरमर्द पसंद आ जाता है तो वो अपने पति का साथ छोड़कर उसके साथ रहने लगती है और इसका कोई विरोध भी नहीं करता है. इसी के साथ कहा जाता है ये समुदाय हिंदू कुश पहाड़ों के बीचो-बीच रहती है और उनका मानना है की पर्वतो से गिरे रहने की वजह से हमारी सभ्यता और संस्कृति जिन्दा है.
वहीं यह जनजाति पुरे साल में तीन त्यौहार मनाते है जिनमे Camos, Joshi और Uchaw शामिल है. आप सभी को बता दें कि Camos को सबसे बड़ा त्यौहार मानते है और ये दिसंबर के महीने में मनाया जाता है. कहते हैं Camos त्यौहार में पुरुष, महिलाएं, लड़के-लड़कियां आपस में मिलते है और इसमें नये रिश्ते भी जुड़ते है और महिलाओ को अगर दूसरा पुरुष पसंद आ जाए तो वह चाहे तो वह उनके साथ जा सकती है.
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