रहस्य से भरा हुआ है यह मंदिर, जानिए आप भी
आजकल कई बातें हैं, कई मंदिर है. कई झील है जिनमे गहरे राज दबे हुए हैं. अब आज हम आपको एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानने के बाद आपको हैरानी होगी. जी हाँ, आइए बताते हैं आपको इस मंदिर के बारे में. जी दरअसल हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं वह जिले के टोडारायसिंह नगर में स्थित 'श्याम देवरा' स्थापत्य कला का अद्वितीय नमूना माना जाता है. वहीं यह मंदिर कई कहानियो को लिए हुए हैं. इस मंदिर की पहचान 'भूतों के मंदिर' के रूप में है. जी दरअसल यहाँ के लोगों का कहना है कि यह भूतों का मंदिर है. इसके अलावा रहस्य और रोमांच से भरपूर इस मंदिर का निर्माण एक रात में हो गया था. जी हाँ, इस मंदिर का राजस्थान के प्रमुख संत पीपा जी महाराज से भी गहरा ताल्लुक बताया जाता है. केवल इतना ही नहीं बल्कि इस मंदिर को लेकर कई तरह की किवदंतियां भी आपने सुनी ही होगी. आइए जानते हैं कुछ.
इसलिए है अधूरा
कहा जाता है प्राचीन समय में ऐतिहासिक महलों के प्रांगण में रात्रिकाल में भूतों की सभा का आयोजन किया जाता था. वहीं इस सभा में एक बार एक सिद्ध पुरुष ने आकर भूतों को दुष्ट योनी से छुटकारा दिलवाने के लिए यह मंदिर बनवाया था. इस कारण भी इस मंदिर को भूतों का मंदिर भी कहा जाता है. कहते हैं शाम होने तक इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका इसलिए आज भी यह अधूरा है.
संत पीपा जी की भक्ति का केन्द्र
कहते हैं टोडारायसिंह नगर राजस्थान के प्रमुख संत पीपा जी महाराज की तपोस्थली रहा है. इसी के साथ इस मंदिर से उनका गहरा ताल्लुक बताया जाता है. कहते हैं पीपा जी यहां अराधना किया करते थे. वहीं लोग कहते हैं संत पीपा महाराज अपने तपोबल से यहां और द्वारीकाधीश में एक साथ पूजा करते थे और एक बार आरती के दौरान अचानक उनके हाथ जले तो लोगों के पूछने पर उन्होंने बताया कि अभी अभी द्वारिकाधीश मंदिर में पूजा के दौरान भगवान के पर्दे जल गए. उन्हें बुझाने में मेरे हाथ जल गए. वहीं उसके बाद राजा ने घटनाक्रम, ताऔर समय नोट कर जब गुजरात में इसका पता करवाया तो बात सच निकली. तब से ही इसे पीपा जी का मंदिर भी कहते हैं.
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