मरते-मरते भी लोगों की जान बचा गया ऑटो ड्राइवर
आज के समय में कई ऐसी कहानियां हैं जो दिल को छू जाती हैं. ऐसी ही एक कहानी है पुणे के एक 38 वर्षीय ऑटो चालक की. इनकी कहानी सुनकर आपका दिल टूट भी जाएगा और आप खुश भी हो जाएंगे. जी दरअसल हम जिस ऑटो चालाक के बारे में बात कर रहे हैं वह सड़क दुर्घटना में बुरी तरह जख़्मी हो गया था. उसके बाद उसे तुरंत शहर के 'डी. वाए. पाटिल मेडिकल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर' में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के समय ही उसकी मौत हो गई.
वहीं उसकी मौत के बाद अस्पताल के अंग दान विभाग ने मृतक के परिवारजनों को उनके अंग दान करने की सलाह दी. यह सुनने के बाद परिवार के लोगों ने काफी समय तक विचार-विमर्श किया और उसके बाद परिवार वाले मान गए.
अंत में मृतक के 6 अंग दान कर दिए गए जिससे कई लोगों की जिंदगी बन गई. बताया जा रहा है मृतक के परिजनों ने उनका लीवर, हार्ट, अग्न्याशय, कॉर्निया और दोनों गुर्दे दान किया है. ऐसा काम कर मृतक के परिवार के लोगों ने कई लोगों की नई ज़िंदगी बना दी है. वैसे इसे देखकर यह कहा जा सकता है कि मरते मरते भी ऑटो ड्राइवर लोगों को नया जीवन दे गया. इस बारे में अस्पताल के कुलपति का कहना है, 'ऑर्गन डोनर न मिल पाने की वजह से हर साल कई हज़ारों लोगों की जान चली जाती है.'
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