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आखिर क्यों चढ़ाते हैं शिवलिंग पर दूध

Reason Behind Offering Milk to Shiva Lingam

दुनियाभर में कई ऐसे भक्त है जो शिव के है. शिव भगवान कई लोगों के प्रिय है. वैसे शिव का अर्थ है कल्याण अर्थात् जो सबका कल्याण करते हो. आप सभी को बता दें कि शिव जी से ही प्रत्येक कण की उत्पत्ति हुई है और उन्ही मे प्रत्येक कण की समाप्ति होती है.ऐसे में सावन के महीने को भगवान शिव का महीना माना जाता है और इसी महीने में मंशापूरण महादेव का व्रत भी ग्रहण किया जाता है. इसी के साथ ही उनपर दूध का अभिषेक कर भक्त महादेव को प्रसन्न करते है. वहीँ शास्त्रों के मुताबिक़ सावन के महीने में भक्त कितने ही पूजा पाठ करते है ताकि शिवजी को प्रसन्न किया जा सके. जी दरसल शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं है जिनमे से एक धार्मिक मान्यता हम आपको बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.

​ धार्मिक मान्यता- जी दरअसल विष्णुपुराण के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान विष की उत्पत्ति हुई और ये विष सम्पूर्ण स्रष्टि को समाप्त करने की ताकत रखता था इस कारण भगवान शिव ने इसे स्रष्टि की रक्षा हेतु पी लिया जिसके कारण उनका शरीर जलने लगा. कहा जाता है यह देखने के बाद कई देवताओं ने उनपर पानी डालना प्रारम्भ कर दिया परन्तु कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा.

उसी दौरान सभी देवताओं ने उनसे दूध ग्रहण करने का निवेदन किया और दूध पीने से विष का असर कम हो गया. कहा जाता है ऐसा होने से उनका शरीर जलने से बच गया,तभी से शिवजी को दूध अत्यंत प्रिय है. कहा जाता है यही वजह है कि भगवान शिवजी को खुश करने के लिए शिवलिंग पर दूध चढ़ाया जाता है.

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