आज भी जंगलों में भटक रहा महाभारत का यह पात्र, जानिए क्यों
आप सभी ने इतिहास में अश्वत्थामा का नाम तो सुना ही होगा. यह महाभारत काल का एक ऐसा चरित्र है जो आज भी जिंदा है. कहा जाता है कि अश्वत्थामा एक श्राप के कारण अमर है और जंगलों में भटक रहे हैं. जी दरअसल उसके शरीर पर बड़े-बड़े घाव हैं और महाभारत के इस पात्र की कहानी रहस्यमयी और चौंकाने वाली है जिसे सुनकर आपके होश उड़ सकते हैं. जी दरअसल एक गलती के कारण अश्वत्थामा को ऐसा श्राप मिला जिसके कारण उसे दुनिया खत्म होने तक जीवन से मुक्ति नहीं मिल पाएगी, ऐसा कहा गया और ऐसा श्राप दिया गया कि वह इधर से उधर भटकता ही रहेगा. आपको बता दें कि अश्वत्थामा को ये श्राप भगवान श्रीकृष्ण ने दिया था. आइए जानते हैं क्या था श्राप.
इसलिए मिला था अश्वत्थामा को श्राप
कहते हैं अश्वत्थामा गुरु द्रोणाचार्य का पुत्र है. एकबार महाभारत के युद्ध में द्रोणाचार्य का वध करने के लिए पाण्डवों ने झूठी अफवाह फैला दी कि अश्वत्थामा मर चुका है. इससे द्रोणाचार्य शोक में डूब गए और पाण्डवों ने मौका देखकर द्रोणाचार्य का वध कर दिया. अपने पिता की छल से हुई हत्या का बदला लेने के लिए अश्वत्थामा ने पाण्डव पुत्रों की हत्या कर दी लेकिन तब भगवान श्रीकृष्ण ने उसे ये श्राप दिया.
जी हाँ, पाण्डवों के पुत्रों की हत्या के बाद जब अश्वत्थामा भागा तब भीम ने उसका पीछा किया और अष्टभा क्षेत्र जो वर्तमान में गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा के पास स्थित है. वहां दोनों के बीच गदा युद्ध हुआ और वहां भीम की गदा जमीन से टकराने के कारण एक कुण्ड बन गया है जिसके पास ही अश्वत्थामा कुंड भी स्थित है. यहां रहने वाले लोग मानते हैं कि आज भी रात के समय अश्वत्थामा मार्ग से भटके हुए लोगों को रास्ता दिखाता है.
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