इस शहर में कॉफी पीकर रफ़्तार पकड़ती हैं बसें
आपने यह तो देखा होगा कि जितने भी यातायात के साधन हैं सब डीजल, पेट्रोल, सीएनजी तरह के ईंधन से चलते हैं. यह तो कही नहीं होता कि पानी या किसी कोल्ड्रिंक से चलती है गाडी. लेकिन आज आपको एक खबर के बारे में बताने जा रहे है, जिसे जानकार आप हैरान तो हो ही जायेंगे साथ ही आपके मन में एक विचार यह भी रहेगा कि क्यों न इस तरह के एक्सपेरिमेंट को मैं खुद भी ट्राय करके देखूं. लंदन की एक खबर के मुताबिक पता चला है कि अब कॉफी से निकाले गए कचरे के तेल के इस्तेमाल से लंदन में बसें चलाई जा रही हैं. इस खबर कि पुष्टि खुद लंदन परिवहन अधिकारियों ने की है.
लंदन स्थित टेक्नोलॉजी फर्म बायो-बीन लिमिटेड ने कहा है कि एक साल में एक बस को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पयार्प्त कॉफी का उत्पादन किया गया है.
ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन (टीएफएल) परिवहन के दौरान धुआं उत्सर्जन को कम करने के लिए तेजी से जैव ईंधन के उपयोग की तरफ बढा है. बायो-बीन के अनुसार, लंदन के लोग कॉफी से एक साल में 200,000 टन कचरा निकालते हैं.
आगे की खबर से पता चला कि कॉफी के कचरे से निकाले गए तेल को डीजल में मिलाकर जैव ईंधन तैयार किया गया है जिसका इस्तेमाल सार्वजनिक परिवहन के लिए ईंधन के रूप में किया जा रहा है.
यह सिर्फ एक ट्रायल के तौर पर किया गया प्रशिक्षण था, प्रयोग सफल रहा तो इस जैव ईंधन का इस्तेमाल धडल्ले से होने लगेगा.
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