इन्दौरी तड़का : भिया इंदौर के लोगो की सबसे बड़ी दिक्कत सूबे जल्दी उठना
हाँ भिया हम इंदौरियों की ज़िंदगी में अगर कुछ सबसे जादा खराब है तो वो है जल्दी उठना जल्दी उठने में हम सबकी फट जाती है। भिया यहाँ पे जीतते बी लोग रेते है कोई से बी पूछो की जल्दी उठना कैसा लगता है वो बताएगा तो नी पर दे गाली पे गाली सूना डालेगा वो बी ऐसी ऐसी की शर्म के मारे तुम वहीँ पे मर जाओ।
बड़े यहाँ पे लोगो को सबसे जादा आलसी पाया जाता है सब के सब एक नम्बर के आलसी बैठे है। इनसे ना कोई काम होता है ना ही कुछ और। बड़े ना इंदौरियों से जल्दी सोया जाता है और ना ही जल्दी उठा जाता है। कबि इनसे किसी चीज की उम्मीद तो करि ही ना जा सकती है। ये कसम से ऐसे एबलाई दिखाते है की बैंड ही बज जाए सामने वाले की।
बेचारे जो ऑफिस जाते है उनकी तो हर सूबे एक मौत होती है और ऑफिस में पूरा दिन मरते है बेचारे। मतलब रोज ऑफिस लोग नी बल्कि लाशें जाती है लाशें। भिया जल्दी उठने में सबसे अग्गे कोई है ना तो वो इंदौरी ही है जो बेचारे कोई माँ की डाँट से उठ जाते है सूबे सूबे, आधे अलार्म की टिक टिक से, तो आधे पप्पा की लात से उठ जाते है। बड़े यहाँ पे सब ऐसे ही है कोई जल्दी उठने को तैयार ही ना होता है। जल्दी उठने में यहाँ पे सभी बारा तेरा सब बज जाती है।
इन्दौरी तड़का : यार बावा ये सावधान इंडिया और क्राइम पेट्रोल ने अलग डरा डरा के रखा है
इन्दौरी तड़का : बड़े इंदौर के लोगो की ज़िंदगी भी स्क्रीनशॉट हो गई है हर कोई लिए ही जा रिया है