इन्दौरी तड़का : अबे अबी तो इस गाड़ी पर तीन और आ जाएंगे
इन्दौरी तड़का : भिया राम फिर क्या हाल बढ़िया। भिया आज सूबे सूबे हमने देखा एक छोरा अपनी गाडी पे चार छोरो को बैठा के पलासिया से जा रिया था तबी रास्ते में उसको उसके दो दोस्त और मिल गए, तो यूँ नी की उनको बोल दें की भई जगे नी है, छोरे ने उनको बी बोल दिया बड़े बैठो अबि तो इस पर और चार आ जाएंगे। मतलब हद करते है ये इंदौर के छोरे भी भिया क्या कहो इनको। इंदौरी छोरों की ये खासियत है की इनको अपनी गाडी पे 6-7 लफंगों को बिठा के चलने की आदत है जब तक ये अपने सारे दोस्तों को गाडी पे नी बिठा लें इनको चैन नी मिलता। भिया इंदौर में तो वैन वाले और बस वाले ही नी सारे के सारे पायलेट भरे पड़े है। यहाँ के छोरे तो महा पायलेट है इनको तो हर जगे से गाडी निकालने में महारत हांसिल होती है फिर वो पतली सी गली हो या ब्रेकर। भिया ये इंदौर के छोरे पेलवान है पेलवान।
यहाँ के छोरो को तुम कहीं से बी गाडी निकालने को बोल दो ये वहां से गाडी निकाल देंगे। इंदौर में तुम किसी बी चौराहे पे जाके देख लो हर जगे पे तुमको ऐसी कई गाड़ियां मिल जाएंगी जिसपे दो या तीन नी बल्कि चार से छह तक छोरे भरे पड़े होंगे। मतलब भिया जो तुमको कई नी देखने को मिला ना वो तुमको यहाँ पे जरूर देखने को मिलेगा। फिर वो छोरो की लपासी हो या छोरियों की गुंडागर्दी। और इनसे तुम स्टंट की तो बात ही मत करो इनसे इनसे स्टंट करके दिखाएंगे की तुमको समझ ही नी आएगा की हो क्या रिया है। भिया इंदौर में छोरे बाइक कम चलाते है स्टंट जादा करते है।
इन्दौरी तड़का : भिया आज तो जो मिले उसी को चेप देओ आइ लव यू
इन्दौरी तड़का : आज खोल दो सारे कर्मकांड का चिट्ठा
इन्दौरी तड़का : बोत याद कर रिए है आज तो हम हमारे होने वाले लवर को