सांसारिक परिवार को अपना नहीं मानते नागा साधू, जानिए रहस्य
दुनिया का हर तीसरा व्यक्ति नागा साधु के जीवन के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहता है. ऐसे में नागा साधू का जीवन सबसे अलग माना जाता और उनके जीवन में कई ऐसी चीज़ें होती हैं जो अलग-अलग होती है और उनके बारे में जानने के बाद एक आम इंसान को हैरानी होती है. ऐसे में आज हम आपको उन्ही के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं जो आपको जाननी चाहिए. जी हाँ, नागा साधु को ग्रहस्थ जीवन से कोई मतलब नहीं होता है और उनका जीवन कई कठिनाइयों से भरा हुआ होता है. जी दरअसल इन लोगों को दुनिया में क्या हो रहा है? इस बारें में कोई मतबल नहीं होता. इसी के साथ इनके बारें में हर एक बात निराली होती है जिसे सभी जानना चाहते हैं. नागा बाबा कपड़े नहीं पहनते हैं और पूरे शरीर पर राख लपेटकर घूमते हैं जिसके पीछे का कारण बहुत कम लोग जानते हैं. जी हाँ, उन्हे किसी की कोई शर्म या हया नहीं होती है वो उसी रूप में मस्त रहते हैं और उनके हिसाब से उनके इस स्वरूप में रहने के कई कारण होते हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
नागा का अर्थ
कहा जाता है नागा शब्द का अर्थ ही होता है नग्न, ये साधु पूरी तरह से नग्न अवस्था में रहते हैं और यही इनकी पहचान है. इसी के साथ यह स्वयं को ईश्वर का देवदूत मानते हैं और उनकी उपासना में खुद को लीन कर लेते हैं कि उन्हे कपड़ों से कोई मतलब नहीं होता है.
इनका परिवार
कहा जाता है यह समुदाय को ही अपना परिवार मानते हैं. इनके लिए सांसारिक परिवार मायने नहीं रखता है और यह लोग कुटिया बनाकर साधु जीवन व्यतीत करते हैं. इनका कोई विशेष स्थान या घर नहीं होता है. यह तीर्थयात्रियों द्वारा दिए जाने वाले भोजन को ही ग्रहण करते हैं और इनके लिए दैनिक भोजन का कोई महत्व नहीं होता है. इसी के साथ इनका मानना है कि कपड़े, तन ढ़कने का काम करते हैं जिन्हे तन की सुरक्षा करनी हो, वही इसे पहनें, इस कारण से हमें सुरक्षा का कोई महत्व नहीं है.
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