यहाँ पुरुष और बच्चे नहीं खेलते होली
हर साल होली का पर्व मनाया जाता है और इस साल होली का पर्व 10 मार्च को मनाया जाने वाला है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे गाँव के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ महिलाएं होली खेलती हैं लेकिन पुरुष होली नहीं खेलते हैं. आइए जानते हैं उस गाँव के बारे में.
जी दरअसल हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के कुंडरा गांव की, जहाँ होली के पर्व पर केवल महिलाओं रंगों और गुलालों से होली खेलने की इजाजत है. जी हाँ, कहा जाता है इस दिन पुरुष खेतों पर चले जाते हैं ताकि महिलाएं आराम से होली का आनंद ले सके. वहीं कहा जाता है इस दिन राम जानकी मंदिर में एकत्र होकर महिलाएं जमकर होली खेलती हैं लेकिन पुरुषों और बच्चों को यहाँ होली खेलने की इजाजत नहीं होती है.
जी दरअसल इसके पीछे एक कहानी है कि, 'यहां होली के दिन मेमार सिंह नाम के एक डकैत ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी और उस समय से लोगों ने होली खेलना बंद कर दिया था। बाद में महिलाओं को होली खेलने की इजाजत मिल गई।' वहीं इसके आलावा मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की मुलताई तहसील के डहुआ गांव में 125 साल से होली मनाने पर प्रतिबंध है। जी हाँ, वहां रहने वाले लोगों की माने तो, लगभग 125 साल पहले इस गांव में होली के त्योहार वाले दिन गांव केप्रधान की बावड़ी में डूबने के कारण मौत हो गई थी और प्रधान की मौत के बाद से यहाँ होली ना खेलना धार्मिक मान्यता मानी जाती है.
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