इन्दौरी तड़का : रोज की बक बक में गालियां जरूर देते है ये इंदौर वाले
Indori Tadka : हाँ भिया ये इंदौर जगे ही ऐसी है यहाँ पे जितनी भी बात होती है सब गालियों से ही होती है कोई सीधे मुँह तो बात ही नी करता है। सब के सब ऐसे ही है बड़े। किसी को सम्पट नई पड़ता की गालियों की भाषा छोड़ दें। बात करेंगे तो वो गाली में ही होती है बिन गाली तो कुछ होता ही ना है। सब के सब एक जैसे है बड़े क्या बोलो। यहाँ के छोरो को तो छोड़ों यहाँ की तो छोरियां भी खराब है। बस छोरे ही नी छोरियां बी ऐसी ऐसी गालियां बकती है की सुनने वाले की ऐसी की तैसी हो जाए। सब बड़े वाले है भिया यहाँ पे। कोई सीधे मुँह बात कर ले तो बोलो। वैन वाले, रिक्शे वाले, गाडी वाले, बाहर वाले , ऑफिस वाले लोग सब के सब ऐसे ही है सब गाली से ही बात करते है। अपना इंदौर दिल्ली से कम नी है। क्या बोलो बड़े किसी से उनकी गाली उनके मुँह में कबि धराई है जो अब धराएगी। गालियां तो यहाँ के लोग ऐसे बकते है जैसे भजन गए रिए हो।
बड़े यहाँ पे स्कूल के छोटे छोटे बच्चे बी गालियां बकने में कबि पीछे नी रेते है सब के सब ऐसे है की गालियों को भजन केते है। माँ पूछती है बेटा आज स्कूल में मेडम को क्या सुनाया तो बोलते है भजन। मतलब माँ को तो लगता है भजन मतलब भगवान के भजन लेकिन इनकी नजर में तो भजन कुछ और ही होते है। समझ रिए हो ना आप।
इन्दौरी तड़का : बड़े फेसबुक पे लड़की की एक कमेंट पे 100 सवाल कर लेते है इंदौरी
इन्दौरी तड़का : भिया ये इन्दौरी फेसबुक पे टैग भोत करते है
इन्दौरी तड़का : भिया यहाँ पे सब ज्ञानी है एक बार ज्ञान मांग के तो देखो