नवरात्रि का छठवां दिन, जानिए माँ कात्यायनी की कथा
नवरात्रि का पर्व चल रहा है और यह पर्व इस बार खुशियां नहीं लेकर आया है। जी दरअसल इस समय कोरोना काल चल रहा है और यह काल सभी के लिए शुभ नहीं है। ऐसे में आज नवरात्रि का छठवां दिन है और आज मां कात्यायनी का पूजन होता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं मां कात्यायनी की कथा।
कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि कात्यायन देवी मां के परम उपासक थे। एक दिन मां दुर्गा ने इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर इनके घर पुत्री के रुप में जन्म लेने का वरदान दिया। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण ही देवी मां को मां कात्यायनी कहा जाता है। कहा जाता है ऐसी भी मान्यता है कि मां कात्यायनी की उपासना से इंसान अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है।
जी दरअसल मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था और इस वजह से ही मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी भी कहा जाता है। इसी के साथ ऐसा भी कहते हैं कि माता रानी को दानवों और असुरों का विनाश करने वाली देवी कहते हैं। जी दरअसल पौराणिक कथाओं में यह भी बताया गया है कि मां कात्यायनी की पूजा भगवान राम और श्रीकृष्ण ने भी की थी। कहा जाता है कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा की थी। मां दुर्गा ने सृष्टि में धर्म को बनाए रखने के लिए यह अवतार लिया था।
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